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पेटी या रीड ऑर्गन भी कहलाता है। मुक्त पत्ती वाला कुंजी-फलक वाद्य, जो हाथ या पैर से संचालित धौंकनी क्र द्वारा दबाव-समकारी वायु भंडार से हवा फेंकता है, जो धातु के खांचों में कसी गई धातु-पत्तियों को कंपन देती है और वाद्य बजता है। इसमें कोई नलिका नहीं होती है और स्वर पत्ती के आकार पर निर्भर करता है। पत्तियों के अलग-अलग समूह भिन्न सुर देते हैं, ध्वनि की गुणवत्ता समूह की प्रत्येक पत्ती के चारों ओर वाले सुर-कक्ष के विशिष्ट आकार एवं आकृति पर निर्भर करती है; उदाहरणस्वरूप, संकुचित कक्ष शक्तिशाली कंपन एवं तीक्ष्म सुर निकालते हैं। सुर की प्रबलता घुटने से संचालित वायु कपाट या सीधे धौंकनी पैडल को रोककर, नियंत्रैत की जाती है, ताकि हवा आधार के बाहर से गुज़रे। वाद्य का विस्तार सामान्यतः चार या पांच सप्तक होता है।
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हारमोनियम समूह का सबसे पहला बाजा फ़िसहार्मोनिका था, जिसका निर्माण 1818 में वियना में एंटन हिक्ल ने किया था। इसे चीन के माउथ ऑर्गन या शेंग से प्रेरणा मिली, जिसे 1970 के दशक में रूस लाया गया था, जिसने यूरोप को मुक्त पत्ती से परिचित कराया और कुछ भौतिकशास्त्रियों एवं संगीतज्ञों में रुचि जगाई। अब विलुप्त अन्य क़िस्में (जैसे जॉन ग्रीन का सेराफ़ीइन), 1840 में पेरिस में अलेक्ज़ांद्रे दिबेन द्वारा निर्मित हारमोनियम से पहले अस्तित्व में थीं। 1850 के बाद मुख्य सुधार पेरिस में विक्टर मस्तेल तथा अमेरिका में जेकब एस्टे ने किया।
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हारमोनियम लोकप्रिय गिरिजाघर एवं घरेलू वाद्य यंत्र रहा, जब तक कि 1930 के दशक के बाद इलैक्टॉनिक बाजे ने उसे बाज़ार से बाहर नहीं कर दिया। इस वाद्य यंत्र के लिए संगीत रचनाएं तथा बोहेमियाई संगीतज्ञ एंतोनियन द्वोरज़ाक की दो वॉयलिन, चेलो एवं हारमोनियम के लिए चतुर्वाद्य-रचना शामिल हैं।

११:११, २८ अप्रैल २०१० का अवतरण

हारमोनियम

पेटी या रीड ऑर्गन भी कहलाता है। मुक्त पत्ती वाला कुंजी-फलक वाद्य, जो हाथ या पैर से संचालित धौंकनी क्र द्वारा दबाव-समकारी वायु भंडार से हवा फेंकता है, जो धातु के खांचों में कसी गई धातु-पत्तियों को कंपन देती है और वाद्य बजता है। इसमें कोई नलिका नहीं होती है और स्वर पत्ती के आकार पर निर्भर करता है। पत्तियों के अलग-अलग समूह भिन्न सुर देते हैं, ध्वनि की गुणवत्ता समूह की प्रत्येक पत्ती के चारों ओर वाले सुर-कक्ष के विशिष्ट आकार एवं आकृति पर निर्भर करती है; उदाहरणस्वरूप, संकुचित कक्ष शक्तिशाली कंपन एवं तीक्ष्म सुर निकालते हैं। सुर की प्रबलता घुटने से संचालित वायु कपाट या सीधे धौंकनी पैडल को रोककर, नियंत्रैत की जाती है, ताकि हवा आधार के बाहर से गुज़रे। वाद्य का विस्तार सामान्यतः चार या पांच सप्तक होता है।

हारमोनियम समूह का सबसे पहला बाजा फ़िसहार्मोनिका था, जिसका निर्माण 1818 में वियना में एंटन हिक्ल ने किया था। इसे चीन के माउथ ऑर्गन या शेंग से प्रेरणा मिली, जिसे 1970 के दशक में रूस लाया गया था, जिसने यूरोप को मुक्त पत्ती से परिचित कराया और कुछ भौतिकशास्त्रियों एवं संगीतज्ञों में रुचि जगाई। अब विलुप्त अन्य क़िस्में (जैसे जॉन ग्रीन का सेराफ़ीइन), 1840 में पेरिस में अलेक्ज़ांद्रे दिबेन द्वारा निर्मित हारमोनियम से पहले अस्तित्व में थीं। 1850 के बाद मुख्य सुधार पेरिस में विक्टर मस्तेल तथा अमेरिका में जेकब एस्टे ने किया।

हारमोनियम लोकप्रिय गिरिजाघर एवं घरेलू वाद्य यंत्र रहा, जब तक कि 1930 के दशक के बाद इलैक्टॉनिक बाजे ने उसे बाज़ार से बाहर नहीं कर दिया। इस वाद्य यंत्र के लिए संगीत रचनाएं तथा बोहेमियाई संगीतज्ञ एंतोनियन द्वोरज़ाक की दो वॉयलिन, चेलो एवं हारमोनियम के लिए चतुर्वाद्य-रचना शामिल हैं।