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आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) |
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*शब्द खतरनाक वस्तु हैं । सर्वाधिक खतरे की बात तो यह है कि वे हमसे यह कल्पना करा लेते हैं कि हम बातों को समझते हैं जबकि वास्तव में हम नहीं समझते । - '''चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य'''<br /> | *शब्द खतरनाक वस्तु हैं । सर्वाधिक खतरे की बात तो यह है कि वे हमसे यह कल्पना करा लेते हैं कि हम बातों को समझते हैं जबकि वास्तव में हम नहीं समझते । - '''चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य'''<br /> | ||
*Give accordings to your means, or God will make your means according to your giving.- '''John Hall'''<br> अपने साधनों के अनुरूप दान करो अन्यथा ईश्वर तुम्हारे दान के अनुरूप तुम्हारे साधन बना देगा। - '''जॉन हाल'''<br /> | *Give accordings to your means, or God will make your means according to your giving.- '''John Hall'''<br> अपने साधनों के अनुरूप दान करो अन्यथा ईश्वर तुम्हारे दान के अनुरूप तुम्हारे साधन बना देगा। - '''जॉन हाल'''<br /> | ||
+ | *[[पृथ्वी]] में कुआं जितना ही गहरा खुदेगा, उतना ही अधिक जल निकलेगा । वैसे ही मानव की जितनी अधिक शिक्षा होगी, उतनी ही तीव्र बुद्धि बनेगी । - '''तिरुवल्लुवर''' (तिरुक्कुरल, 396)<br /> | ||
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१५:०३, २० मार्च २०१० का अवतरण
सूक्ति और विचार
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