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क्योंकि यह घाट नगर के मुख्य बाज़ार के सामने स्थित है इसलिए यह नाम (स्वामी घाट) शब्द ‘सामने’ का विकृत रूप है । यहाँ उत्कीर्णित पत्थरों से निर्मित कोठी स्थित है जिसका निर्माण बरसाने के रूप राम कटारा ने किया था ।
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स्थानीय सूचना
स्वामी घाट

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मार्ग स्थिति: यह मथुरा के परिक्रमा मार्ग पर स्थित है ।
आस-पास: बिहारी जी मन्दिर, गोवर्धननाथ जी मन्दिर, दीर्घ विष्णु मन्दिर, श्रीनाथ जी भण्डार मन्दिर, गोपी नाथ जी मन्दिर, सती बुर्ज, विश्राम घाट, द्वारिकाधीश मन्दिर
पुरातत्व: निर्माणकाल- सत्रहवीं शताब्दी
वास्तु: यहाँ पाँच बुर्ज व चौदह सीढ़ियाँ मात्र ही बचे हैं । इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने का इस्तेमाल किया गया है ।
स्वामित्व: उत्तर प्रदेश सरकार
प्रबन्धन:
स्त्रोत: इंटैक
अन्य लिंक:
अन्य:
सावधानियाँ:
मानचित्र:
अद्यतन: 2009

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स्वामी घाट / Swami Ghat

इस घाट को संयमन तीर्थ भी कह्ते है ।

तत: संयमनं नाम तीर्थं त्रैलोक्यविश्रुतम् ।
तत्र स्नातो नरो देवि ! मम लोकं स गच्छति ।।

इसका वर्त्तमान नाम स्वामी घाट है । किसी–किसी का कहना है कि महाराज वसुदेव ने नवजात शिशु कृष्ण को गोदी में लेकर यहीं से यमुना पार की थी । यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है ।

इतिहास

क्योंकि यह घाट नगर के मुख्य बाज़ार के सामने स्थित है इसलिए यह नाम (स्वामी घाट) शब्द ‘सामने’ का विकृत रूप है । यहाँ उत्कीर्णित पत्थरों से निर्मित कोठी स्थित है जिसका निर्माण बरसाने के रूप राम कटारा ने किया था ।

अन्य लिंक

साँचा:यमुना के घाट