"हस्तिनापुर" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
पंक्ति १: पंक्ति १:
 
{{menu}}<br />
 
{{menu}}<br />
[[category:कोश]]  [[श्रेणी:पौराणिक स्थान]]
 
 
==हस्तिनापुर / Hastinapur==
 
==हस्तिनापुर / Hastinapur==
[[महाभारत]] से जुड़ी सारी घटनाएं हस्तिनापुर में ही हुई थीं ।  अभी भी यहां महाभारत काल से जुड़े कुछ अवशेष मौजूद हैं । इनमें [[कौरव|कौरवों]]-[[पांडव|पांडवों]] के महलों और मंदिरों के अवशेष प्रमुख हैं ।  इसके अलावा हस्तिनापुर को चक्रवर्ती सम्राट भरत की भी राजधानी माना जाता है । यहां स्थित पांडेश्वर [[महादेव]] मंदिर की  काफी मान्यता है । कहा जाता है यह वही मंदिर है, जहां पांडवों की रानी [[द्रौपदी]] पूजा के लिए जाया करती थी ।
+
 
 +
[[महाभारत]] से जुड़ी सारी घटनाएं हस्तिनापुर में ही हुई थीं। अभी भी यहां महाभारत काल से जुड़े कुछ अवशेष मौजूद हैं। इनमें [[कौरव|कौरवों]]-[[पांडव|पांडवों]] के महलों और मंदिरों के अवशेष प्रमुख हैं। इसके अलावा हस्तिनापुर को चक्रवर्ती सम्राट भरत की भी राजधानी माना जाता है। यहां स्थित पांडेश्वर [[महादेव]] मंदिर की  काफी मान्यता है। कहा जाता है यह वही मंदिर है, जहां पांडवों की रानी [[द्रौपदी]] पूजा के लिए जाया करती थी।
  
 
==प्रमुख जैन तीर्थ==
 
==प्रमुख जैन तीर्थ==
[[जैन]] समुदाय के बीच हस्तिनापुर को एक प्रमुख तीर्थ माना जाता है ।  यहां जैन धर्म के कई तीर्थंकरों का जन्म हुआ था । यही वजह है कि यहां काफी संख्या में जैन मंदिर मौजूद हैं । इनमें क़रीब 200 साल पुराना बड़ा मंदिर, जंबूद्वीप, कैलाश पर्वत, अष्टापद जी, कमल मंदिर और ध्यान मंदिर मुख्य हैं । प्राचीन बड़ा मंदिर में हस्तिनापुर की नहर की खुदाई के दौरान प्राप्त हुई जिन प्रतिमाओं को देखा जा सकता है । इन मंदिरों को काफी सुंदर और कलात्मक तरीके से बनाया गया है ।
+
[[जैन]] समुदाय के बीच हस्तिनापुर को एक प्रमुख तीर्थ माना जाता है। यहां जैन धर्म के कई तीर्थंकरों का जन्म हुआ था। यही वजह है कि यहां काफी संख्या में जैन मंदिर मौजूद हैं। इनमें क़रीब 200 साल पुराना बड़ा मंदिर, जंबूद्वीप, कैलाश पर्वत, अष्टापद जी, कमल मंदिर और ध्यान मंदिर मुख्य हैं। प्राचीन बड़ा मंदिर में हस्तिनापुर की नहर की खुदाई के दौरान प्राप्त हुई जिन प्रतिमाओं को देखा जा सकता है। इन मंदिरों को काफी सुंदर और कलात्मक तरीके से बनाया गया है।
 
==सिखों का पवित्र स्थान ==
 
==सिखों का पवित्र स्थान ==
हस्तिनापुर पहला ऐसा तीर्थस्थान है, जो हिंदू और जैनों के साथ सिखों का भी पवित्र तीर्थ है ।  हस्तिनापुर के पास ही स्थित सैफपुर सिख धर्म के पंच प्यारों में से एक भाई धर्मदास की जन्मस्थली है । देश भर के श्रद्धालु यहां स्थित पवित्र सरोवर में डुबकी लगाने के लिए आते रहते हैं ।
+
हस्तिनापुर पहला ऐसा तीर्थस्थान है, जो हिंदू और जैनों के साथ सिखों का भी पवित्र तीर्थ है। हस्तिनापुर के पास ही स्थित सैफपुर सिख धर्म के पंच प्यारों में से एक भाई धर्मदास की जन्मस्थली है। देश भर के श्रद्धालु यहां स्थित पवित्र सरोवर में डुबकी लगाने के लिए आते रहते हैं।
 
==मेले==
 
==मेले==
हस्तिनापुर में साल में कई छोटे-बड़े मेले लगते हैं । इनमें [[अक्षय तृतीया]], [[होली]] और 2 अक्टूबर का मेला प्रमुख है । अक्षय तृतीया को देश भर से श्रद्धालु यहां भगवान को गन्ने के रस का आहार कराने के लिए आते हैं । अगर आपको होली के रंग पसंद नहीं आते, तो हस्तिनापुर आपके लिए इनसे बचने की एक बेहतरीन जगह साबित हो सकता है । दुल्हैंडी वाले दिन यहां लगने वाले मेले में देश भर से होली नहीं खेलने वाले लोग आते हैं । साथ ही 2 अक्टूबर को लगने वाले मेले में भी काफी भीड़ उमड़ती है ।
+
हस्तिनापुर में साल में कई छोटे-बड़े मेले लगते हैं। इनमें [[अक्षय तृतीया]], [[होली]] और 2 अक्टूबर का मेला प्रमुख है। अक्षय तृतीया को देश भर से श्रद्धालु यहां भगवान को गन्ने के रस का आहार कराने के लिए आते हैं। अगर आपको होली के रंग पसंद नहीं आते, तो हस्तिनापुर आपके लिए इनसे बचने की एक बेहतरीन जगह साबित हो सकता है। दुल्हैंडी वाले दिन यहां लगने वाले मेले में देश भर से होली नहीं खेलने वाले लोग आते हैं। साथ ही 2 अक्टूबर को लगने वाले मेले में भी काफी भीड़ उमड़ती है।
 +
 
 +
[[category:कोश]] 
 +
[[श्रेणी:पौराणिक स्थान]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

०६:४१, १६ दिसम्बर २००९ का अवतरण


हस्तिनापुर / Hastinapur

महाभारत से जुड़ी सारी घटनाएं हस्तिनापुर में ही हुई थीं। अभी भी यहां महाभारत काल से जुड़े कुछ अवशेष मौजूद हैं। इनमें कौरवों-पांडवों के महलों और मंदिरों के अवशेष प्रमुख हैं। इसके अलावा हस्तिनापुर को चक्रवर्ती सम्राट भरत की भी राजधानी माना जाता है। यहां स्थित पांडेश्वर महादेव मंदिर की काफी मान्यता है। कहा जाता है यह वही मंदिर है, जहां पांडवों की रानी द्रौपदी पूजा के लिए जाया करती थी।

प्रमुख जैन तीर्थ

जैन समुदाय के बीच हस्तिनापुर को एक प्रमुख तीर्थ माना जाता है। यहां जैन धर्म के कई तीर्थंकरों का जन्म हुआ था। यही वजह है कि यहां काफी संख्या में जैन मंदिर मौजूद हैं। इनमें क़रीब 200 साल पुराना बड़ा मंदिर, जंबूद्वीप, कैलाश पर्वत, अष्टापद जी, कमल मंदिर और ध्यान मंदिर मुख्य हैं। प्राचीन बड़ा मंदिर में हस्तिनापुर की नहर की खुदाई के दौरान प्राप्त हुई जिन प्रतिमाओं को देखा जा सकता है। इन मंदिरों को काफी सुंदर और कलात्मक तरीके से बनाया गया है।

सिखों का पवित्र स्थान 

हस्तिनापुर पहला ऐसा तीर्थस्थान है, जो हिंदू और जैनों के साथ सिखों का भी पवित्र तीर्थ है। हस्तिनापुर के पास ही स्थित सैफपुर सिख धर्म के पंच प्यारों में से एक भाई धर्मदास की जन्मस्थली है। देश भर के श्रद्धालु यहां स्थित पवित्र सरोवर में डुबकी लगाने के लिए आते रहते हैं।

मेले

हस्तिनापुर में साल में कई छोटे-बड़े मेले लगते हैं। इनमें अक्षय तृतीया, होली और 2 अक्टूबर का मेला प्रमुख है। अक्षय तृतीया को देश भर से श्रद्धालु यहां भगवान को गन्ने के रस का आहार कराने के लिए आते हैं। अगर आपको होली के रंग पसंद नहीं आते, तो हस्तिनापुर आपके लिए इनसे बचने की एक बेहतरीन जगह साबित हो सकता है। दुल्हैंडी वाले दिन यहां लगने वाले मेले में देश भर से होली नहीं खेलने वाले लोग आते हैं। साथ ही 2 अक्टूबर को लगने वाले मेले में भी काफी भीड़ उमड़ती है।