अनन्तकीर्ति
Maintenance (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ११:३५, ७ अगस्त २०१० का अवतरण (Text replace - '{{जैन धर्म2}}' to '{{जैन धर्म}}')
आचार्य अनन्तकीर्ति / Acharya Anantkirti
- इनका समय वि0 सं0 9वीं शती है।
- इन्होंने 'बृहत्सर्वज्ञसिद्धि' और 'लघुसर्वज्ञसिद्धि' ये दो तर्कग्रन्थ रचे हैं और दोनों ही महत्त्वपूर्ण हैं।
- इन दोनों विद्वत्तापूर्ण रचनाओं से आचार्य अनन्तकीर्ति का पाण्डित्य एवं तर्कशैली अनुपमेय प्रतीत होती है।
- इनकी एक रचना 'स्वत: प्रामाण्यभंग' भी है, जो अनुपलब्ध है।
- इसका उल्लेख अनन्तवीर्य (प्रथम) ने किया है।
सम्बंधित लिंक
|