"lab:Ashwani" के अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) |
आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
− | <table cellspacing="0" | + | <table border="5" cellpadding="0" cellspacing="0"> |
+ | <col width="82" /> | ||
+ | <col width="149" /> | ||
<col width="146" /> | <col width="146" /> | ||
<col width="226" /> | <col width="226" /> | ||
पंक्ति ७: | पंक्ति ९: | ||
<col width="185" /> | <col width="185" /> | ||
<col width="311" /> | <col width="311" /> | ||
+ | <tr height="19"> | ||
+ | <td height="19" width="82"></td> | ||
+ | <td width="149"></td> | ||
+ | <td width="146"></td> | ||
+ | <td width="226"></td> | ||
+ | <td width="260"></td> | ||
+ | <td width="172"></td> | ||
+ | <td width="257"></td> | ||
+ | <td width="185"></td> | ||
+ | <td width="311"></td> | ||
+ | </tr> | ||
<tr height="50"> | <tr height="50"> | ||
− | <td height="50" align="left | + | <td height="50"></td> |
− | <td align="left | + | <td></td> |
− | <td align="left | + | <td align="left">1.मंत्र-संहिता (कुल 4)</td> |
− | <td align="left | + | <td align="left">2. शाखा (कुल 1131, 13 उपलब्ध)</td> |
− | <td align="left | + | <td align="left">3. ब्राह्मण-ग्रन्थ (कुल 1131, उपलब्ध 14)</td> |
− | <td align="left | + | <td align="left">4. आरण्यक (उपलब्ध 6)</td> |
− | <td align="left | + | <td align="left">5. उपनिषद् (कुल 1131, उपलब्ध 108)</td> |
+ | <td align="left">6. सूत्र-ग्रन्थ (उपलब्ध 43)</td> | ||
+ | <td align="left">7. प्रातिसाख्य एवं अनुक्रमणिका (उपलब्ध 16)</td> | ||
</tr> | </tr> | ||
<tr height="198"> | <tr height="198"> | ||
− | <td height="198" width="146">ऋग्वेद | + | <td height="198" width="82">Ι. ऋग्वेद</td> |
+ | <td width="149"></td> | ||
+ | <td width="146">ऋग्वेद मन्त्र-संहिता</td> | ||
<td width="226">शाकल शाखा</td> | <td width="226">शाकल शाखा</td> | ||
<td width="260">ऐतरेय ब्राह्मण कौषीतकि ब्राह्मण </td> | <td width="260">ऐतरेय ब्राह्मण कौषीतकि ब्राह्मण </td> | ||
पंक्ति २६: | पंक्ति ४३: | ||
</tr> | </tr> | ||
<tr height="198"> | <tr height="198"> | ||
− | <td height=" | + | <td rowspan="2" height="693" width="82">ΙΙ. यजुर्वेद</td> |
+ | <td width="149">अ.शुक्लजयुर्वेद</td> | ||
+ | <td width="146">यजुर्वेद मन्त्र- संहिता</td> | ||
<td width="226">काण्व, माध्यन्दिन</td> | <td width="226">काण्व, माध्यन्दिन</td> | ||
<td width="260">शतपथब्राह्मण या काण्वब्राह्मण शतपथ (माध्यन्दिन) ब्राह्मण</td> | <td width="260">शतपथब्राह्मण या काण्वब्राह्मण शतपथ (माध्यन्दिन) ब्राह्मण</td> | ||
पंक्ति ३५: | पंक्ति ५४: | ||
</tr> | </tr> | ||
<tr height="495"> | <tr height="495"> | ||
− | <td height="495" width="146"></td> | + | <td height="495" width="149">ब. कृष्णयजुर्वेद</td> |
+ | <td width="146"></td> | ||
<td width="226">तैत्तिरीय, मैत्रायणी, कठ, कपिष्ठल, श्वेताश्वतर</td> | <td width="226">तैत्तिरीय, मैत्रायणी, कठ, कपिष्ठल, श्वेताश्वतर</td> | ||
<td width="260">तैत्तिरीय ब्राह्मण, मध्यवर्ती ब्राह्मण</td> | <td width="260">तैत्तिरीय ब्राह्मण, मध्यवर्ती ब्राह्मण</td> | ||
पंक्ति ४४: | पंक्ति ६४: | ||
</tr> | </tr> | ||
<tr height="297"> | <tr height="297"> | ||
− | <td height="297" width="146">सामवेद | + | <td height="297" width="82">ΙΙΙ. सामवेद</td> |
+ | <td width="149"></td> | ||
+ | <td width="146">सामवेद मन्त्र-संहिता</td> | ||
<td width="226">कौथुमी, जैमिनीय, राणायनीय</td> | <td width="226">कौथुमी, जैमिनीय, राणायनीय</td> | ||
<td width="260">ताण्ड्य ब्राह्मण, षडविश ब्राह्मण, सामविधान ब्राह्मण, आर्षेय ब्राह्मण, मंत्र ब्राह्मण, देवताध्यानम् ब्राह्मण, वंश ब्राह्मण, संहितोपनिषद् ब्राह्मण, जैमिनीय ब्राह्मण, जैमिनीय उपनिषद् ब्राह्मण</td> | <td width="260">ताण्ड्य ब्राह्मण, षडविश ब्राह्मण, सामविधान ब्राह्मण, आर्षेय ब्राह्मण, मंत्र ब्राह्मण, देवताध्यानम् ब्राह्मण, वंश ब्राह्मण, संहितोपनिषद् ब्राह्मण, जैमिनीय ब्राह्मण, जैमिनीय उपनिषद् ब्राह्मण</td> | ||
पंक्ति ५३: | पंक्ति ७५: | ||
</tr> | </tr> | ||
<tr height="363"> | <tr height="363"> | ||
− | <td height="363" width="146">अथर्ववेद | + | <td height="363" width="82">ΙV. अथर्ववेद</td> |
+ | <td width="149"></td> | ||
+ | <td width="146">अथर्ववेद मन्त्र-संहिता</td> | ||
<td width="226">पैप्पलाद, शौनकीय</td> | <td width="226">पैप्पलाद, शौनकीय</td> | ||
<td width="260">गोपथ ब्राह्मण</td> | <td width="260">गोपथ ब्राह्मण</td> |
१३:५४, १५ फ़रवरी २०१० का अवतरण
<col width="82" />
<col width="149" />
<col width="146" />
<col width="226" />
<col width="260" />
<col width="172" />
<col width="257" />
<col width="185" />
<col width="311" />
1.मंत्र-संहिता (कुल 4) | 2. शाखा (कुल 1131, 13 उपलब्ध) | 3. ब्राह्मण-ग्रन्थ (कुल 1131, उपलब्ध 14) | 4. आरण्यक (उपलब्ध 6) | 5. उपनिषद् (कुल 1131, उपलब्ध 108) | 6. सूत्र-ग्रन्थ (उपलब्ध 43) | 7. प्रातिसाख्य एवं अनुक्रमणिका (उपलब्ध 16) | ||
Ι. ऋग्वेद | ऋग्वेद मन्त्र-संहिता | शाकल शाखा | ऐतरेय ब्राह्मण कौषीतकि ब्राह्मण | ऐतरेय आरण्यक कौषीतकि आरण्यक | ऐतरेय उपनिषद् आत्मबोध उपनिषद् कौषीतकि उपनिषद् निर्वाण उपनिषद् सौभाग्यलक्ष्मी उपनिषद् अक्षमालिक उपनिषद् भवऋचा उपनिषद् मुदगल उपनिषद् त्रिपुरा उपनिषद् | आश्वलायन श्रौतसूत्र शांखायन श्रौतसूत्र आश्वलायन गृह्यसूत्र शांखायन गृह्यसूत्र वसिष्ठ धर्मसूत्र | शांखायन प्रातिशाख्य बृहद प्रातिशाख्य आर्षानुक्रमणिका आश्वलायन प्रातिशाख्य छन्दोनुक्रमणिका ऋग्प्रातिशाख्य देवतानुक्रमणिका सर्वानुक्रमणिका अनुवाकानुक्रमणिका बृहद्वातानुक्रमणिका ऋग् विज्ञान | |
ΙΙ. यजुर्वेद | अ.शुक्लजयुर्वेद | यजुर्वेद मन्त्र- संहिता | काण्व, माध्यन्दिन | शतपथब्राह्मण या काण्वब्राह्मण शतपथ (माध्यन्दिन) ब्राह्मण | अध्यात्म, आद्यैतारक, भिक्षु, बृहदारण्यक, ईशावस्य, हंस, जाबाल, मंडल ब्राह्मण, मंत्रिका, मुक्तिका, निरालम्बा, पैंगल, परमहंस, सत्यायनी, सुबाला, तारासार, त्रिशिखिब्राह्मण, तूरीयातीत, याज्ञवल्क्य | कात्यायन श्रोतसूत्र, पारस्कर श्रौतसूत्र, विष्णु धर्मसूत्र, पारस्कर गृह्यसूत्र | कात्यायन शुल्वसूत्र, कात्यायनुक्रमणिका, वाजसनेयि प्रातिशाख्य | |
ब. कृष्णयजुर्वेद | तैत्तिरीय, मैत्रायणी, कठ, कपिष्ठल, श्वेताश्वतर | तैत्तिरीय ब्राह्मण, मध्यवर्ती ब्राह्मण | तैत्तिरीय आरण्यक, कठ आरण्यक, मैत्रायणीय आरण्यक | अक्षि, अमृतबिन्दु, अमृतनाद, अवधूत, ब्रह्म, ब्रह्मविद्या, दक्षिणामूर्त, ध्यानबिन्दू, एकाक्षर, गर्भ, कैवल्य, कालाग्निरुद्र, कर, कठ, क्षुरिकोपनिषद्, नारायणो, पंचब्रह्म, प्राणाग्निहोत्र, रुद्रहृदय, सरस्वतीरहस्य, सर्वासार, शारीरिकोपनिषद्, स्कन्द, शुकरहस्य, श्वेताश्वतरोपनिषद्, तैत्तिरीयोपनिषद्, तेजोबिन्दु, वराहोपनिषद्, योगकुण्डलिनी, योगशिखा, योगतत्त्व, कलिसंतरणोपनिषद् | आपस्तम्ब श्रौतसूत्र, आपस्तम्बगृह्यसूत्र, हिरण्यकेशीय श्रौतसूत्र, बौधायन गृह्यसूत्र, बौधायन श्रौतसूत्र, वैखानस गृह्यसूत्र, भरद्वज श्रौतसूत्र, हिरण्यकेशीय गृह्यसूत्र, वैखानस श्रौतसूत्र, मानव धर्म-सूत्र, बाधूल श्रौतसूत्र, काठक धर्मसूत्र, आपस्तम्व धर्मसूत्र, वराह श्रौतसूत्र, बौधायन धर्मसूत्र, मानव गृह्यसूत्र, वैखानस धर्मसूत्र, काठक गृह्यसूत्र, हिरण्यकेशीय धर्मसूत्र | तैत्तिरीय प्रातिशाख्य | ||
ΙΙΙ. सामवेद | सामवेद मन्त्र-संहिता | कौथुमी, जैमिनीय, राणायनीय | ताण्ड्य ब्राह्मण, षडविश ब्राह्मण, सामविधान ब्राह्मण, आर्षेय ब्राह्मण, मंत्र ब्राह्मण, देवताध्यानम् ब्राह्मण, वंश ब्राह्मण, संहितोपनिषद् ब्राह्मण, जैमिनीय ब्राह्मण, जैमिनीय उपनिषद् ब्राह्मण | तलवकार आरण्यक | आरुणि उपनिषद्, दर्शनोपनिषद्, जाबालदर्शनोपनिषद्, जाबालि उपनिषद्, केनोपनिषद्, महात्संन्यासोपनिषद्, मैत्रेयीउपनिषद्, मैत्रायणी उपनिषद्, अव्यक्तोपनिषद्, छान्दोग्योपनिषद्, रुद्राक्षजाबालोपनिषद्, सावित्र्योपनिषद्, वज्रसूचिकोपनिषद्, वासुदेवोपनिषद्, चूड़ामणि उपनिषद् | मसकसूत्र, लाट्यायन सूत्र, खदिर श्रौतसूत्र, जैमिनीय गृह्यसूत्र, गोभिल गृह्यसूत्र, खदिर गृह्यसूत्र, गौतम धर्मसूत्र द्राह्यायण गृह्यसूत्र द्राह्यायण धर्मसूत्र | ||
ΙV. अथर्ववेद | अथर्ववेद मन्त्र-संहिता | पैप्पलाद, शौनकीय | गोपथ ब्राह्मण | अन्नपूर्णा, अथर्वशिरा, अथर्वशिखा, आत्मोपनिरूषद्, भावनोपनिषद्, भस्मोपनिषद्, बृहज्जाबालोपनिषद्, देवी, दत्तात्रेय, गणपति, गरुडोपनिषद्, गोपालतापनी, ह्यग्रीव, कृष्ण, महानारायण, माण्ड्क्य, महावाक्य, मुण्डकोपनिषद्, नारदपरिक्रजक, नृसिंहतापनी, परब्रह्म, परमहंस परिव्राजक, पशुपत, रामतापनीय, शाण्डिल्य, शरभ, सूर्य, सीता, राम-रहस्य, त्रिपुरातापिन्युपनिषद् | वैतान श्रौतसूत्र, कौशिक गृह्यसूत्र, वराह गृह्यसूत्र, वैखानस गृह्यसूत्र | शौनकीया चतुर्ध्यापिका |