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१२:२०, २१ मार्च २०१० के समय का अवतरण
गीता अध्याय-13 श्लोक-6 / Gita Chapter-13 Verse-6
इच्छा द्वेष: सुखं दु:खं संघातश्चेतना धृति: ।
एतत्क्षेत्रं समासेन सविकारमुदाहृतम् ।।6।।
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तथा इच्छा, द्वेष, सुख, दु:ख, स्थूल देह का पिण्ड, चेतना और धृति – इस प्रकार विकारों के सहित यह क्षेत्र संक्षेप में कहा गया हैं ।।6।।
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Also desire, aversion, pleasure, pain the physical body, consciousness, firmness: thus is the ksetra, with its evolutes, briefly states. (6)
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इच्छा = इच्छा ; द्वेष: = द्वेष ; सुखम् = सुख ; दु:खम् = दु:ख (और) ; संघात: = स्थूल देहका पिण्ड (एवं) ; चेतना = चेतनता (और) ; धृति: = धृति (इस प्रकार) ; इतत् = यह ; क्षेत्रम् = क्षेत्र ; सविकारम् = विकारों के सहित ; समासेन = संक्षेप से ; उदाहृतम् = कहा गया ;
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