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१०:४१, २९ नवम्बर २००९ का अवतरण
गीता अध्याय-1 श्लोक-8 / Gita Chapter-1 Verse-8
प्रसंग-
अब दो श्लोकों में दुर्योधन अपने पक्ष के प्रधान वीरों के नाम बतलाते हुए अन्यान्य वीरों के सहित उनकी प्रशंसा करते हैं-
भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिंजय:।
अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च ।।8।।
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भवान् = आप; भीष्म: = पितामह भीष्म; कर्ण: = कर्ण; समितिंजय: =संग्रामविजयी; कृप: =कृपाचार्य; तथा =वैसे; एव = ही; अश्वत्थामा = अश्वत्थामा; विकर्ण: =विकर्ण; च = और; सौमदत्ति: = सोमदत्त का पुत्र भूरिश्रवा;
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