"शाह बिहारी जी मन्दिर" के अवतरणों में अंतर
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[[वृन्दावन]] के इस मन्दिर में वास्तुकला , [[चित्र कला|चित्रकला]], [[मूर्ति कला|मूर्तिकला]] का अद्भुत समन्वय हैं। श्वेत संगमरमर के इस अत्यन्त आकर्षक मन्दिर की विशेषता है कि इसके खम्बे सर्पाकार में एक ही पत्थर की शिला से निर्मित हैं । पत्थर में जड़ाऊ काम के चित्र भी यहां अद्भुत हैं । बसन्ती कमरा भी है । यहां वर्ष में अनेकों आकर्षक उत्सव होते हैं । लखनऊ के [[शाह कुन्दन लाल]] एवं [[फुन्नलाल]] ने माघ शु0 5 संवत् 1917 वि0 को मन्दिर का निर्माण प्रारम्भ किया जो संवत् 1925 में बनकर पूर्ण हुआ । | [[वृन्दावन]] के इस मन्दिर में वास्तुकला , [[चित्र कला|चित्रकला]], [[मूर्ति कला|मूर्तिकला]] का अद्भुत समन्वय हैं। श्वेत संगमरमर के इस अत्यन्त आकर्षक मन्दिर की विशेषता है कि इसके खम्बे सर्पाकार में एक ही पत्थर की शिला से निर्मित हैं । पत्थर में जड़ाऊ काम के चित्र भी यहां अद्भुत हैं । बसन्ती कमरा भी है । यहां वर्ष में अनेकों आकर्षक उत्सव होते हैं । लखनऊ के [[शाह कुन्दन लाल]] एवं [[फुन्नलाल]] ने माघ शु0 5 संवत् 1917 वि0 को मन्दिर का निर्माण प्रारम्भ किया जो संवत् 1925 में बनकर पूर्ण हुआ । | ||
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०६:४९, ६ सितम्बर २००९ का अवतरण
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शाह बिहारी जी मन्दिर / Shah Bihari Ji Temple
वृन्दावन के इस मन्दिर में वास्तुकला , चित्रकला, मूर्तिकला का अद्भुत समन्वय हैं। श्वेत संगमरमर के इस अत्यन्त आकर्षक मन्दिर की विशेषता है कि इसके खम्बे सर्पाकार में एक ही पत्थर की शिला से निर्मित हैं । पत्थर में जड़ाऊ काम के चित्र भी यहां अद्भुत हैं । बसन्ती कमरा भी है । यहां वर्ष में अनेकों आकर्षक उत्सव होते हैं । लखनऊ के शाह कुन्दन लाल एवं फुन्नलाल ने माघ शु0 5 संवत् 1917 वि0 को मन्दिर का निर्माण प्रारम्भ किया जो संवत् 1925 में बनकर पूर्ण हुआ । साँचा:Vrindavan temple