"गीता 12:5" के अवतरणों में अंतर
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− | प उन सच्चिदानन्दघन निराकार [[ | + | प उन सच्चिदानन्दघन निराकार [[ब्रह्मा]] में आसक्त चित्तवाले पुरूषों के साधन में परिश्रम विशेष है, क्योंकि देहाभिमानियें के द्वारा अव्यक्त विषयक गति दु:खपूर्वक प्राप्त की जाती है ।।5।। |
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०७:१३, १२ अक्टूबर २००९ का अवतरण
गीता अध्याय-12 श्लोक-5 / Gita Chapter-12 Verse-5
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अध्याय बारह श्लोक संख्या Verses- Chapter-12 |
1 | 2 | 3,4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13, 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 |
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