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|प्रसिद्ध घटनाएँ=*दुशासन ने द्रौपदी को केश पकड़कर खींचा था। उसके बाद द्रौपदी ने अपने केश सदैव खुले रखे, और उसके केश ही महाभारत का कारण बने।<br /> *अपने पाँचों पुत्रों की हत्या करने वाले अश्वथामा को क्षमा दान।<br /> *द्रौपदी बाल्यावस्था से ही कृष्ण से विवाह करना चाहती थी किन्तु इनका विवाह अर्जुन से हुआ था। | |प्रसिद्ध घटनाएँ=*दुशासन ने द्रौपदी को केश पकड़कर खींचा था। उसके बाद द्रौपदी ने अपने केश सदैव खुले रखे, और उसके केश ही महाभारत का कारण बने।<br /> *अपने पाँचों पुत्रों की हत्या करने वाले अश्वथामा को क्षमा दान।<br /> *द्रौपदी बाल्यावस्था से ही कृष्ण से विवाह करना चाहती थी किन्तु इनका विवाह अर्जुन से हुआ था। | ||
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०७:३२, २४ फ़रवरी २०१० का अवतरण
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अन्य नाम | कृष्णा, पांचाली |
अवतार | शची (इन्द्राणी) का अंशावतार |
पिता | द्रुपद |
जन्म विवरण | द्रौपद ने द्रोणाचार्य से प्रतिशोध लेने के लिए यज्ञ किया था और उस यज्ञ से उन्हें पुत्र धृष्टद्युम्न और पुत्री कृष्णा की प्राप्ति हुई। |
समय-काल | महाभारत काल |
परिजन | भाई धृष्टद्युम्न, पिता द्रुपद |
विवाह | द्रौपदी का विवाह पाँचों पाण्डव से हुआ था। जिनके नाम इस प्रकार है- युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव |
संतान | द्रौपदी को युवराज युधिष्ठिर से प्रतिविन्ध्य, भीमसेन से सुतसोम, अर्जुन से श्रुतकीर्ति, नकुल से शतानीक और सहदेव से श्रुतवर्मा। |
महाजनपद | पांचाल की राजकुमारी और हस्तिनापुर की रानी |
संदर्भ ग्रंथ | महाभारत |
प्रसिद्ध घटनाएँ | *दुशासन ने द्रौपदी को केश पकड़कर खींचा था। उसके बाद द्रौपदी ने अपने केश सदैव खुले रखे, और उसके केश ही महाभारत का कारण बने। *अपने पाँचों पुत्रों की हत्या करने वाले अश्वथामा को क्षमा दान। *द्रौपदी बाल्यावस्था से ही कृष्ण से विवाह करना चाहती थी किन्तु इनका विवाह अर्जुन से हुआ था। |
मृत्यु | स्वर्ग जाते समय द्रौपदी की मृत्यु मार्ग में सबसे पहले हुई। |
यशकीर्ति | द्रौपदी ने अश्वत्थामा को क्षमा किया |
अपकीर्ति | द्रौपदी अपने पाँचों पतियों में से सबसे अधिक प्रेम अर्जुन से करती थीं इसलिए वह सशरीर स्वर्ग ना जा सकी। |
संबंधित लेख | महाभारत |