आश्वमेधिक पर्व महाभारत

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
Anand Chauhan (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०७:३४, २ फ़रवरी २०१० का अवतरण ("आश्वमेधिक पर्व महाभारत" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

आश्वमेधिक पर्व / Aashvamedhik Parv

आश्वमेधिक पर्व के अन्तर्गत 3 (उप) पर्व हैं-

  • अश्वमेध पर्व,
  • अनुगीता पर्व,
  • वैष्णव पर्व।

इस पर्व में 113 अध्याय हैं। आश्वमेधिक पर्व में महर्षि व्यास द्वारा अश्वमेध यज्ञ करने के लिए आवश्यक धन प्राप्त करने का उपाय युधिष्ठिर से बताना और यज्ञ की तैयारी, अर्जुन द्वारा कृष्ण से गीता का विषय पूछना, श्री कृष्ण द्वारा अनेक आख्यानों द्वरा अर्जुन का समाधान करना, ब्राह्मणगीता का उपदेश, अन्य आध्यात्मिक बातें, पाण्डवों द्वारा दिग्विजय करके धन का आहरण, अश्वमेध यज्ञ की सम्पन्नता, युधिष्ठिर द्वारा वैष्णवधर्मविषयक प्रश्न और श्रीकृष्ण द्वारा उसका समाधान आदि विषय वर्णित हैं।