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प्रविश्यान्तर्दधे राजन्सागरं कुनदी यथा ॥
 
प्रविश्यान्तर्दधे राजन्सागरं कुनदी यथा ॥
  
(5.49.19.0.6 उद्योगपर्व>एकोनविंशोऽध्यायः (19) श्लोक 6)  
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(5.49.19.0.6 उद्योगपर्व, एकोनविंशोऽध्यायः (19) श्लोक 6)  
  
महाभारत के युद्घ में अठारह अक्षौहिणी सेना नष्ट हो गई । एक अक्षौहिणी सेना में 21,870 रथ, 21,870 हाथी,1,09,350 पैदल और 65,610 घुड़सवार होते थे ।
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महाभारत के युद्घ में अठारह अक्षौहिणी सेना नष्ट हो गई ।  
प्राचीन काल की चतुरंगिणी सेना जिसमें 1,09,350 पैदल, 65,610 घोड़े, 21,870 रथ और 21,870 हाथी होते थे ।
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===एक अक्षौहिणी सेना :===
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* 21,870 रथ  
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* 21,870 हाथी
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* 1,09,350 पैदल  
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* 65,610 घुड़सवार
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===प्राचीन काल की चतुरंगिणी सेना:===
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* 1,09,350 पैदल  
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* 65,610 घोड़े  
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* 21,870 रथ  
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* 21,870 हाथी

०७:५२, २५ मई २००९ का अवतरण

अक्षौहिणी

अक्षौहिणी हि सेना सा तदा यौधिष्ठिरं बलम् ।

प्रविश्यान्तर्दधे राजन्सागरं कुनदी यथा ॥

(5.49.19.0.6 उद्योगपर्व, एकोनविंशोऽध्यायः (19) श्लोक 6)

महाभारत के युद्घ में अठारह अक्षौहिणी सेना नष्ट हो गई ।

एक अक्षौहिणी सेना :

  • 21,870 रथ
  • 21,870 हाथी
  • 1,09,350 पैदल
  • 65,610 घुड़सवार

प्राचीन काल की चतुरंगिणी सेना:

  • 1,09,350 पैदल
  • 65,610 घोड़े
  • 21,870 रथ
  • 21,870 हाथी