"अरुन्धती" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - " ।" to "।")
 
(३ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के ३ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
 
{{menu}}
 
{{menu}}
 
==अरुन्धती / Arundhati==
 
==अरुन्धती / Arundhati==
*[[वसिष्ठ]] पत्नी, इसका पर्याय है अक्षमाला ।
+
*[[वसिष्ठ]] पत्नी, इसका पर्याय है अक्षमाला।
*[[भागवत]] के अनुसार अरुन्धती [[कर्दम]] मुनि की महासाध्वी कन्या थी ।
+
*[[भागवत]] के अनुसार अरुन्धती [[कर्दम]] मुनि की महासाध्वी कन्या थी।
*आकाश में [[सप्तर्षि|सप्तर्षियों]] के मध्य वसिष्ठ के पास अरुन्धती का तारा रहता है । जिसकी आयु पूर्ण हो चुकी है, वह इसको नहीं देख पाता: दीपक बुझने की गन्ध, मित्रों के वचन और अरुन्धती तारे को व्यतीत आयु वाले न सूँघते ,न सुनते और न देखते हैं । <ref>दीपनिर्वाणगन्धच्च सुहद्वाक्यमरुन्धतीम् । न जिघ्रन्ति न श्रृण्वन्ति न पश्यन्ति गतायुष:॥</ref>
+
*आकाश में [[सप्तर्षि|सप्तर्षियों]] के मध्य वसिष्ठ के पास अरुन्धती का तारा रहता है। जिसकी आयु पूर्ण हो चुकी है, वह इसको नहीं देख पाता: दीपक बुझने की गन्ध, मित्रों के वचन और अरुन्धती तारे को व्यतीत आयु वाले न सूँघते ,न सुनते और न देखते हैं। <ref>दीपनिर्वाणगन्धच्च सुहद्वाक्यमरुन्धतीम्। न जिघ्रन्ति न श्रृण्वन्ति न पश्यन्ति गतायुष:॥</ref>
*विवाह में [[सप्तपदी]] गमन के अनन्तर वर मन्त्र का उच्चारण करता हुआ वधू को अरुन्धती का दर्शन कराता है । अरुन्धती स्थायी विवाह सम्बन्ध का प्रतीक है ।
+
*विवाह में [[सप्तपदी]] गमन के अनन्तर वर मन्त्र का उच्चारण करता हुआ वधू को अरुन्धती का दर्शन कराता है। अरुन्धती स्थायी विवाह सम्बन्ध का प्रतीक है।
  
==टीका-टिप्पणी==
+
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
 +
==सम्बंधित लिंक==
 +
{{ॠषि-मुनि2}}
 +
 
[[en:Arundhiti]]
 
[[en:Arundhiti]]
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:कोश]]
पंक्ति १४: पंक्ति १७:
 
[[Category:पौराणिक विदुषियाँ]]
 
[[Category:पौराणिक विदुषियाँ]]
 
[[Category:पौराणिक चरित्र और पात्र]]
 
[[Category:पौराणिक चरित्र और पात्र]]
<br />
 
{{ॠषि-मुनि}}
 
  
 
__INDEX__
 
__INDEX__

१२:३८, २ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण

अरुन्धती / Arundhati

  • वसिष्ठ पत्नी, इसका पर्याय है अक्षमाला।
  • भागवत के अनुसार अरुन्धती कर्दम मुनि की महासाध्वी कन्या थी।
  • आकाश में सप्तर्षियों के मध्य वसिष्ठ के पास अरुन्धती का तारा रहता है। जिसकी आयु पूर्ण हो चुकी है, वह इसको नहीं देख पाता: दीपक बुझने की गन्ध, मित्रों के वचन और अरुन्धती तारे को व्यतीत आयु वाले न सूँघते ,न सुनते और न देखते हैं। [१]
  • विवाह में सप्तपदी गमन के अनन्तर वर मन्त्र का उच्चारण करता हुआ वधू को अरुन्धती का दर्शन कराता है। अरुन्धती स्थायी विवाह सम्बन्ध का प्रतीक है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. दीपनिर्वाणगन्धच्च सुहद्वाक्यमरुन्धतीम्। न जिघ्रन्ति न श्रृण्वन्ति न पश्यन्ति गतायुष:॥

सम्बंधित लिंक