अविमुक्ततीर्थ

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अविमुक्ततीर्थ

अविमुक्ते: नर: स्नातो मुक्तिं प्राप्नोत्यसशंयम् ।
तत्राथ मुञ्चते प्राणान् मम् लोकं स गच्छति ।।
यहाँ पर स्वयं काशी विश्वनाथ महादेव भगवद् आराधना करते हैं। इस तीर्थ में स्नान करने वाले या प्राण त्याग करने वाले सहज ही संसार रूप आवागमन से मुक्त होकर भगवत् धाम को प्राप्त करते हैं ।