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[[अकबर]] के शासन काल में [[अबुल फज़ल]] द्वारा लिखित फारसी भाषा का प्रसिद्ध ग्रंथ जो पांच बार संशोधन के उपरांत 1598 ई0 में पूरा हुआ। यह अकबर के समय के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक इतिहास के अध्ययन के लिए प्रामाणिक कोश माना जाता है। पांच भागों में विभक्त इस ग्रंथ में शासन के सभी अंगों पर प्रकाश डालने के साथ-साथ हिन्दुओं की सामाजिक स्थिति, उनके धर्म, दर्शन, साहित्य आदि का भी उल्लेख है। इसमें हर एक सूबे, जिले और परगनों तक के आंकड़े दिए हुए हैं। तत्कालीन अन्य इतिहास ग्रंथों से यह इसकी एक और विशेषता है। | [[अकबर]] के शासन काल में [[अबुल फज़ल]] द्वारा लिखित फारसी भाषा का प्रसिद्ध ग्रंथ जो पांच बार संशोधन के उपरांत 1598 ई0 में पूरा हुआ। यह अकबर के समय के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक इतिहास के अध्ययन के लिए प्रामाणिक कोश माना जाता है। पांच भागों में विभक्त इस ग्रंथ में शासन के सभी अंगों पर प्रकाश डालने के साथ-साथ हिन्दुओं की सामाजिक स्थिति, उनके धर्म, दर्शन, साहित्य आदि का भी उल्लेख है। इसमें हर एक सूबे, जिले और परगनों तक के आंकड़े दिए हुए हैं। तत्कालीन अन्य इतिहास ग्रंथों से यह इसकी एक और विशेषता है। |
०५:१८, १० जुलाई २००९ का अवतरण
आइना-ए-अकबरी
अकबर के शासन काल में अबुल फज़ल द्वारा लिखित फारसी भाषा का प्रसिद्ध ग्रंथ जो पांच बार संशोधन के उपरांत 1598 ई0 में पूरा हुआ। यह अकबर के समय के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक इतिहास के अध्ययन के लिए प्रामाणिक कोश माना जाता है। पांच भागों में विभक्त इस ग्रंथ में शासन के सभी अंगों पर प्रकाश डालने के साथ-साथ हिन्दुओं की सामाजिक स्थिति, उनके धर्म, दर्शन, साहित्य आदि का भी उल्लेख है। इसमें हर एक सूबे, जिले और परगनों तक के आंकड़े दिए हुए हैं। तत्कालीन अन्य इतिहास ग्रंथों से यह इसकी एक और विशेषता है।