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* यह [[कंस]] का निवास स्थान या उसका राजभवन था । किले का भग्नावशेष आज भी उसकी साक्षी दे रहा है। | * यह [[कंस]] का निवास स्थान या उसका राजभवन था । किले का भग्नावशेष आज भी उसकी साक्षी दे रहा है। | ||
− | *कंस किला और [[स्वामी घाट]] (स्वामी घाट के पास में) वसुदेव घाट के बीच में [[ब्रह्म घाट]], [[वैकुण्ठ तीर्थ|वैकुण्ठ घाट]] और [[धारापतन तीर्थ|धारापतन]] है । तत्पश्चात् [[असिकुण्ड तीर्थ|असकुण्ड]] (असकुण्डा घाट) और मणिकर्णिका घाट के पश्चात् [[विश्राम घाट]] है। | + | *कंस किला और [[स्वामी घाट]] (स्वामी घाट के पास में) वसुदेव घाट के बीच में [[ ब्रह्मतीर्थ|ब्रह्म घाट]], [[वैकुण्ठ तीर्थ|वैकुण्ठ घाट]] और [[धारापतन तीर्थ|धारापतन]] है । तत्पश्चात् [[असिकुण्ड तीर्थ|असकुण्ड]] (असकुण्डा घाट) और मणिकर्णिका घाट के पश्चात् [[विश्राम घाट]] है। |
*यहीं पर पञ्चकोसी [[मथुरा]] परिक्रमा समाप्त होती है। अन्तरगृही परिक्रमा में विश्राम घाट के दक्षिण में [[गताश्रम नारायण मन्दिर|गताश्रम नारायण का मन्दिर]] है । | *यहीं पर पञ्चकोसी [[मथुरा]] परिक्रमा समाप्त होती है। अन्तरगृही परिक्रमा में विश्राम घाट के दक्षिण में [[गताश्रम नारायण मन्दिर|गताश्रम नारायण का मन्दिर]] है । | ||
*वर्तमान [[सती बुर्ज]] के पास ही दाहिनी ओर गली में [[चर्चिका देवी मन्दिर|चर्चिका देवी]] का दर्शन है। [[रंगेश्वर महादेव]] मंदिर के पास पूर्व की ओर सप्त सामुद्री कूप है। | *वर्तमान [[सती बुर्ज]] के पास ही दाहिनी ओर गली में [[चर्चिका देवी मन्दिर|चर्चिका देवी]] का दर्शन है। [[रंगेश्वर महादेव]] मंदिर के पास पूर्व की ओर सप्त सामुद्री कूप है। |
११:००, १६ फ़रवरी २०१० का अवतरण
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कंस किला / Kans Kila
- यह कंस का निवास स्थान या उसका राजभवन था । किले का भग्नावशेष आज भी उसकी साक्षी दे रहा है।
- कंस किला और स्वामी घाट (स्वामी घाट के पास में) वसुदेव घाट के बीच में ब्रह्म घाट, वैकुण्ठ घाट और धारापतन है । तत्पश्चात् असकुण्ड (असकुण्डा घाट) और मणिकर्णिका घाट के पश्चात् विश्राम घाट है।
- यहीं पर पञ्चकोसी मथुरा परिक्रमा समाप्त होती है। अन्तरगृही परिक्रमा में विश्राम घाट के दक्षिण में गताश्रम नारायण का मन्दिर है ।
- वर्तमान सती बुर्ज के पास ही दाहिनी ओर गली में चर्चिका देवी का दर्शन है। रंगेश्वर महादेव मंदिर के पास पूर्व की ओर सप्त सामुद्री कूप है।
- जंक्शन स्टेशन जाने वाले राजमार्ग पर रेल लाईन के नीचे शिव ताल है।
- वहीं से मधुवन जाने का रास्ता भी है। भरतपुर दरवाजे के समीप ही दीर्घ विष्णु का मन्दिर है।