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==कनखल तीर्थं / Kankhal Tirth==
 
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तथा कनखलं तीर्थं गुह्म तीर्थं परं मम ।<br />
 
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स्नानमात्रेण तत्रापि नाकपृष्ठे स मोदते ।।<br />
 
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१२:२३, ४ अक्टूबर २००९ का अवतरण

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कनखल तीर्थं / Kankhal Tirth

तथा कनखलं तीर्थं गुह्म तीर्थं परं मम ।
स्नानमात्रेण तत्रापि नाकपृष्ठे स मोदते ।।
इस तीर्थ में महादेव–पार्वती श्री हरि की आराधना में सदैव तत्पर रहते हैं । जिस प्रकार महादेव शंकर ने दक्ष प्रजापति के ऊपर कृपा कर उसे संसार सागर से मुक्त कर दिया था, उसी प्रकार इस तीर्थ में स्नान करने से ब्रह्मलोक प्राप्त होता है । साँचा:यमुना के घाट