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==अलेक्ज़ॅन्डर कॅनिंघम ( 1814-1893)==  
 
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अलेक्ज़ॅन्डर कॅनिंघम को भारत के पुरातत्व अन्वेषण का पिता कहा जाता है ।
 
अलेक्ज़ॅन्डर कॅनिंघम को भारत के पुरातत्व अन्वेषण का पिता कहा जाता है ।
[[मथुरा]] में 1853 और 1871 में खुदाई का कार्य कराया ।
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[[मथुरा]] में 1853 और 1871 में खुदाई का कार्य कराया । सर अलेक्जंडर कनिंघम ने भारत के पुरातत्व विभाग के निदेशक के रूप में 1870 से 1885 ई0 तक काम किया ।  उसकी रूचि विविध विषयों में थी ।  1833 ई0 में एक सैनिक शिक्षार्थी के रूप में वह ब्रिटेन से भारत आया, सैनिक इंजीनियर बनकर युद्धों में भाग लिया तथा बाद में बर्मा और पश्चिमोत्तर प्रांत का मुख्य अभियंता रहा ।  1861 ई0 में सेवानिवृत्त होने पर वह पुरातत्व के काम में लगा तथा अपने अध्ययन के आधार पर मृदाशास्त्र का अधिकारी विद्वान् माना जाने लगा ।  उसने अनेक पुरातत्व-स्थलों की खोज की तथा इस विषय पर कई ग्रंथ लिखे, जिनका महत्व आज भी है ।  
  
 
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१३:०९, १४ जून २००९ का अवतरण

अलेक्ज़ॅन्डर कॅनिंघम ( 1814-1893)

अलेक्ज़ॅन्डर कॅनिंघम को भारत के पुरातत्व अन्वेषण का पिता कहा जाता है । मथुरा में 1853 और 1871 में खुदाई का कार्य कराया । सर अलेक्जंडर कनिंघम ने भारत के पुरातत्व विभाग के निदेशक के रूप में 1870 से 1885 ई0 तक काम किया । उसकी रूचि विविध विषयों में थी । 1833 ई0 में एक सैनिक शिक्षार्थी के रूप में वह ब्रिटेन से भारत आया, सैनिक इंजीनियर बनकर युद्धों में भाग लिया तथा बाद में बर्मा और पश्चिमोत्तर प्रांत का मुख्य अभियंता रहा । 1861 ई0 में सेवानिवृत्त होने पर वह पुरातत्व के काम में लगा तथा अपने अध्ययन के आधार पर मृदाशास्त्र का अधिकारी विद्वान् माना जाने लगा । उसने अनेक पुरातत्व-स्थलों की खोज की तथा इस विषय पर कई ग्रंथ लिखे, जिनका महत्व आज भी है ।