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कल्हण एक सुसंस्कृत शिक्षित कश्मीरी ब्राह्मण कवि था जिसके राजपरिवारों में अच्छे सम्बन्ध थे । कल्हण ने 'राजतरंगिनी' नामक महान् महाकाव्य की रचना की । यह कश्मीर का राजनैतिक उथलपुथल का काल था । राजतंरगिनी के उद्वरण अधिकतर इतिहासकारों ने इस्तेमाल किये है । | कल्हण एक सुसंस्कृत शिक्षित कश्मीरी ब्राह्मण कवि था जिसके राजपरिवारों में अच्छे सम्बन्ध थे । कल्हण ने 'राजतरंगिनी' नामक महान् महाकाव्य की रचना की । यह कश्मीर का राजनैतिक उथलपुथल का काल था । राजतंरगिनी के उद्वरण अधिकतर इतिहासकारों ने इस्तेमाल किये है । |
१२:५१, ५ जून २००९ का अवतरण
कल्हण
कल्हण एक सुसंस्कृत शिक्षित कश्मीरी ब्राह्मण कवि था जिसके राजपरिवारों में अच्छे सम्बन्ध थे । कल्हण ने 'राजतरंगिनी' नामक महान् महाकाव्य की रचना की । यह कश्मीर का राजनैतिक उथलपुथल का काल था । राजतंरगिनी के उद्वरण अधिकतर इतिहासकारों ने इस्तेमाल किये है ।