कात्यायन

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
Maintenance (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०१:२६, २३ अक्टूबर २०११ का अवतरण (Text replace - 'Category:ॠषि मुनि' to 'Category:ऋषि मुनि')
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

कात्यायन / Katyayan

प्राचीन साहित्य में ‘कात्यायन’ के अनेक सन्दर्भ मिलते हैं-

  1. ’कात्यायन’ विश्वामित्र कलोत्पन्न एक प्राचीन ॠषि थे। उन्होंने 'श्रौतसूत्र', 'गृह्यसूत्र' आदि की रचना की थी।
  2. गोमिल नामक एक प्राचीन ॠशि के पुत्र का नाम कात्यायन था। इनके रचे हुए तीन ग्रन्थ कहे जाते हैं- ‘ग्रह्य-संग्रह’, ‘छन्दःपरिशिष्ट’ और ‘कर्म प्रदीप’।
  3. ‘कात्यायन’ एक बौद्ध आचार्य थे जिन्होंने ‘अभिधर्म ज्ञान प्रस्थान’ नामक ग्रन्थ की रचना की थी। इनका समय बुद्ध से 45 वर्ष उपरान्त माना जाता है।
  4. एक अन्य बौद्ध आचार्य थे जिन्होंने ‘पालि व्याकरण’ की रचना की थी और जो पालि में ‘कच्चयान’ नाम से प्रसिद्ध हैं।
  5. प्रसिद्ध महर्षि तथा व्याकरण शास्त्र के प्रणेता जिन्होंने पाणिनीय अष्टाध्यायी का परिशोधन कर उस पर वार्तिक लिखा था। कुछ लोग ‘प्राकृत प्रकाश’ के रचनाकार वररुचि को इनसे अभिन्न मानते है।
  • कात्यायान के समय के प्रश्न को लेकर विद्वानों में मतभेद है।
  • कात्यायन का समय मैक्समूलर के अनुसार चौथी शताब्दी ईसा पूर्व तथा बेबर के अनुसार ईसा के जन्म के 25 वर्ष पूर्व है।
  • व्याकरण के अतिरिक्त ‘श्रोत सूत्रों’ और ‘यजुर्वेद प्रातिशाख्य’ के भी रचयिता कात्यायन ही माने जाते हैं।
  • बेबर ने इनके सूत्रों का सम्पादन किया है। कात्यायन को एक स्मृति का भी रचनाकार कहा जाता है।
  • कथा सरित्सागर के अनुसार ये पुष्पदन्त नामक गन्धर्व के अवतार थे।
  • कात्यायन के नाम से प्राप्त प्रसिद्ध ग्रन्थों की सूची इस प्रकार हैं-
  1. श्रौत सूत्र
  2. इष्टि पद्धति
  3. गृह परिशिष्ट
  4. कर्म प्रदीप
  5. श्राद्ध कल्प सूत्र
  6. पशु बन्ध सूत्र
  7. प्रतिहार सूत्र
  8. भ्राजश्लोक
  9. रुद्रिविधान
  10. वार्तिक पाठ
  11. कात्यायनी शांति
  12. कात्यायनी शिक्षा
  13. स्नान विधि
  14. कात्यायन कारिका
  15. कात्यायन प्रयोग
  16. कात्यायन वेद प्राप्ति
  17. कात्यायन शाखा भाष्य
  18. कात्यायन स्मृति
  19. कात्यायनोपनिषद
  20. कात्यायन गृह कारिका
  21. वृषोत्सगं पद्धति
  22. आतुर सन्यास विधि
  23. गृह्यसूत्र
  24. शुक्ल यजुःप्रातिशाख्य
  25. प्राकत प्रकाश
  26. अभिधर्म ज्ञान प्रस्थान।
  • भ्रमवश ये सभी ग्रंथ वररुचि कात्यायन के माने जाते हैं किन्तु यह उचित ज्ञात नहीं होता। इनमें से अनेक ग्रन्थ अप्राप्य हैं।

सम्बंधित लिंक

<sidebar>

  • सुस्वागतम्
    • mainpage|मुखपृष्ठ
    • ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
      विशेष:Contact|संपर्क
    • समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
  • SEARCH
  • LANGUAGES

__NORICHEDITOR__

  • ॠषि-मुनि
    • अंगिरा|अंगिरा
    • अगस्त्य|अगस्त्य
    • अत्रि|अत्रि
    • अदिति|अदिति
    • अनुसूया|अनुसूया
    • अपाला|अपाला
    • अरुन्धती|अरुन्धती
    • आंगिरस|आंगिरस
    • उद्दालक|उद्दालक
    • कण्व|कण्व
    • कपिल|कपिल
    • कश्यप|कश्यप
    • कात्यायन|कात्यायन
    • क्रतु|क्रतु
    • गार्गी|गार्गी
    • गालव|गालव
    • गौतम|गौतम
    • घोषा|घोषा
    • चरक|चरक
    • च्यवन|च्यवन
    • त्रिजट मुनि|त्रिजट
    • जैमिनि|जैमिनि
    • दत्तात्रेय|दत्तात्रेय
    • दधीचि|दधीचि
    • दिति|दिति
    • दुर्वासा|दुर्वासा
    • धन्वन्तरि|धन्वन्तरि
    • नारद|नारद
    • पतंजलि|पतंजलि
    • परशुराम|परशुराम
    • पराशर|पराशर
    • पुलह|पुलह
    • पिप्पलाद|पिप्पलाद
    • पुलस्त्य|पुलस्त्य
    • भारद्वाज|भारद्वाज
    • भृगु|भृगु
    • मरीचि|मरीचि
    • याज्ञवल्क्य|याज्ञवल्क्य
    • रैक्व|रैक्व
    • लोपामुद्रा|लोपामुद्रा
    • वसिष्ठ|वसिष्ठ
    • वाल्मीकि|वाल्मीकि
    • विश्वामित्र|विश्वामित्र
    • व्यास|व्यास
    • शुकदेव|शुकदेव
    • शुक्राचार्य|शुक्राचार्य
    • सत्यकाम जाबाल|सत्यकाम जाबाल
    • सप्तर्षि|सप्तर्षि

</sidebar>