आत्मज श्री मर्दान सिंह।
उसपार,मथुरा।
व्यक्तिगत सत्याग्रह आन्दोलन में भाग लेने के कारण सन् 1941 में 1वर्ष के कारावास का दण्ड़ और 50 रुपये जुर्माने की सजा मिली।
सन् 1942 में वारण्ट होने पर फरार रहे।