ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
|
|
पंक्ति ३८: |
पंक्ति ३८: |
| </td> | | </td> |
| </tr> | | </tr> |
− | </table> | + | <tr> |
| + | <td> |
| <br /> | | <br /> |
− | <div align="center" style="font-size:120%;">'''[[गीता 16:3|<= पीछे Prev]] | [[गीता 16:5|आगे Next =>]]'''</div> | + | <div align="center" style="font-size:120%;">'''[[गीता 16:3|<= पीछे Prev]] | [[गीता 16:5|आगे Next =>]]'''</div> |
| + | </td> |
| + | </tr> |
| + | <tr> |
| + | <td> |
| <br /> | | <br /> |
| {{गीता अध्याय 16}} | | {{गीता अध्याय 16}} |
| + | </td> |
| + | </tr> |
| + | <tr> |
| + | <td> |
| {{गीता अध्याय}} | | {{गीता अध्याय}} |
| + | </td> |
| + | </tr> |
| + | </table> |
| [[category:गीता]] | | [[category:गीता]] |
| __INDEX__ | | __INDEX__ |
१०:०८, २४ अक्टूबर २००९ का अवतरण
गीता अध्याय-16 श्लोक-4 / Gita Chapter-16 Verse-4
प्रसंग-
इस प्रकार धारण करने के योग्य दैवीसम्पत् से युक्त पुरूष के लक्षणों का वर्णन करके अब त्याग करने योग्य आसुरीसम्पत् से युक्त पुरूष के लक्षण संक्षेप में कह जाते हैं-
दम्भो दर्पोऽभिमानश्च क्रोध: पारूष्यमेव च ।
अज्ञानं चाभिजातस्य पार्थ संपदमासुरीम् ।।4।।
|
हे पार्थ ! दम्भ, घमण्ड और अभिमान तथा क्रोध, कठोरता और अज्ञान भी- ये सब आसुरी-सम्पदाको लेकर उत्पत्र हुए पुरूष के लक्षण हैं ।।4।।
|
Hypocrisy, arrogance and pride, and anger, sternness and igorance too,—these are marks of him, who is born with demoniac properties. (4)
|
पार्थ = हे पार्थ ; दम्म: = पाखण्ड ; दर्प: = घमण्ड ; च = और ; अभिमान: = अभिमान ; च = तथा ; क्रोध: = क्रोध ; च = और ; पारूष्यम् = कठोर वाणी (एवं) ; अज्ञानम् = अज्ञान ; एव = भी (यह सब) ; आसुरीम् = आसुरी ; संपदम् = संपदा को ; अभिजातस्य = प्राप्त हुए पुरूष के (लक्षण हैं) ;
|
|
|
|
<sidebar>
- सुस्वागतम्
- mainpage|मुखपृष्ठ
- ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
- विशेष:Contact|संपर्क
- समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
- SEARCH
- LANGUAGES
__NORICHEDITOR__
- गीता अध्याय-Gita Chapters
- गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
- गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
- गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
- गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
- गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
- गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
- गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
- गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
- गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
- गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
- गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
- गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
- गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
- गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
- गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
- गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
- गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
- गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter
</sidebar>
|