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श्रीकृष्ण</balloon> और <balloon link="index.php?title=अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र था। अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर मे जीतने वाला वो ही था। | श्रीकृष्ण</balloon> और <balloon link="index.php?title=अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र था। अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर मे जीतने वाला वो ही था। | ||
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− | अर्जुन</balloon> के | + | अर्जुन</balloon> के पश्चात <balloon link="index.php?title=पांडव" title="पांडव कुन्ती के पुत्र थे। इनके नाम युधिष्ठर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव थे। |
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पाण्डव</balloon> सेना के अन्यान्य शूरवीरों द्वारा सब ओर शंख बजाये जाने की बात कहकर अब उस शंख ध्वनि का क्या परिणाम हुआ ? उसे <balloon link="index.php?title=संजय" title="संजय को दिव्य दृष्टि का वरदान था । जिससे महाभारत युद्ध में होने वाली घटनाओं का आँखों देखा हाल बताने में संजय, सक्षम था । श्रीमद् भागवत् गीता का उपदेश जो कृष्ण ने अर्जुन को दिया, वह भी संजय द्वारा ही सुनाया गया । | पाण्डव</balloon> सेना के अन्यान्य शूरवीरों द्वारा सब ओर शंख बजाये जाने की बात कहकर अब उस शंख ध्वनि का क्या परिणाम हुआ ? उसे <balloon link="index.php?title=संजय" title="संजय को दिव्य दृष्टि का वरदान था । जिससे महाभारत युद्ध में होने वाली घटनाओं का आँखों देखा हाल बताने में संजय, सक्षम था । श्रीमद् भागवत् गीता का उपदेश जो कृष्ण ने अर्जुन को दिया, वह भी संजय द्वारा ही सुनाया गया । | ||
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श्रेष्ठ धनुष वाले काशिराज और महारथी [[शिखण्डी]] एवं <balloon link="index.php?title=धृष्टद्युम्न" title="ये द्रुपद का पुत्र तथा द्रौपदी का भाई था। द्रोणाचार्य का वध इसी ने किया। | श्रेष्ठ धनुष वाले काशिराज और महारथी [[शिखण्डी]] एवं <balloon link="index.php?title=धृष्टद्युम्न" title="ये द्रुपद का पुत्र तथा द्रौपदी का भाई था। द्रोणाचार्य का वध इसी ने किया। | ||
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− | धृष्टद्युम्न</balloon> तथा राजा विराट और अजेय सात्यकि, राजा <balloon link="index.php?title=द्रुपद" title=" द्रौपदी के पिता । शिक्षा काल में द्रुपद और द्रोण की गहरी मित्रता थी। | + | धृष्टद्युम्न</balloon> तथा राजा विराट और अजेय [[सात्यकि]], राजा <balloon link="index.php?title=द्रुपद" title=" द्रौपदी के पिता । शिक्षा काल में द्रुपद और द्रोण की गहरी मित्रता थी। |
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द्रुपद</balloon> एवं <balloon link="index.php?title=द्रौपदी" title="द्रौपदी का जन्म महाराज द्रुपद के यहाँ यज्ञकुण्ड से हुआ था । महाभारत में द्रौपदी का विवाह पाँचों पाण्डव से हुआ । | द्रुपद</balloon> एवं <balloon link="index.php?title=द्रौपदी" title="द्रौपदी का जन्म महाराज द्रुपद के यहाँ यज्ञकुण्ड से हुआ था । महाभारत में द्रौपदी का विवाह पाँचों पाण्डव से हुआ । | ||
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१२:३२, २१ मार्च २०१० के समय का अवतरण
गीता अध्याय-1 श्लोक-17,18 / Gita Chapter-1 Verse-17,18
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