"गीता 2:5" के अवतरणों में अंतर
छो (Text replace - '{{menu}}<br />' to '{{menu}}') |
छो (Text replace - '<td> {{महाभारत}} </td> </tr> <tr> <td> {{गीता2}} </td>' to '<td> {{गीता2}} </td> </tr> <tr> <td> {{महाभारत}} </td>') |
||
(२ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के ३ अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति १३: | पंक्ति १३: | ||
---- | ---- | ||
<div align="center"> | <div align="center"> | ||
− | ''' | + | '''गुरुनहत्वा हि महानुभावान् |'''<br/> |
'''श्रेयो भोक्तुं भैक्ष्यमपीह लोके ।'''<br/> | '''श्रेयो भोक्तुं भैक्ष्यमपीह लोके ।'''<br/> | ||
− | '''हत्वार्थकामांस्तु | + | '''हत्वार्थकामांस्तु गुरुनिहैव |'''<br/> |
'''भुज्जीय भोगान्रूधिरप्रदिग्धान् ।।5।।''' | '''भुज्जीय भोगान्रूधिरप्रदिग्धान् ।।5।।''' | ||
---- | ---- | ||
पंक्ति २८: | पंक्ति २८: | ||
---- | ---- | ||
− | इसलिये इन महानुभाव | + | इसलिये इन महानुभाव गुरुजनों को न मारकर मैं इस लोक में भिक्षा का अत्र भी खाना कल्याणकारक समझता हूँ । क्योंकि गुरुजनों को मारकर भी इस लोक में रूधिर से सने हुए अर्थ और कामरूप भोगों को ही तो भोगूँगा ।।5।। |
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
पंक्ति ४०: | पंक्ति ४०: | ||
|- | |- | ||
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | | style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | ||
− | महानुभावान् = महानुभाव; | + | महानुभावान् = महानुभाव; गुरुन् = गुरुजनोंको ; अहत्वा = न मारकर ; इह =इस ; लोके = लोकमें ; भैक्ष्यम् = भिक्षाका अन्न ; अपि = भी ; भोक्तुम् = भोगना ; श्रेय: = कल्याणकारक (समझता हूं) ; हि = क्योंकि ; गुरुन् = गुरुजनोंको ; हत्वा = मारकर ; (अपि) = भी ; इह = इस लोकमें ; रूधिरप्रदिग्घान् = रूधिरसे सने हुए ; अर्थकामान् = अर्थ और कामरूप ; भोगान् = भोगोंको ; एव = ही ; तु = तो ; भुझीय = भोगूंगा ; एतत् = यह ; च = भी ; |
|- | |- | ||
|} | |} | ||
पंक्ति ६०: | पंक्ति ६०: | ||
<td> | <td> | ||
{{गीता अध्याय}} | {{गीता अध्याय}} | ||
+ | </td> | ||
+ | </tr> | ||
+ | <tr> | ||
+ | <td> | ||
+ | {{गीता2}} | ||
+ | </td> | ||
+ | </tr> | ||
+ | <tr> | ||
+ | <td> | ||
+ | {{महाभारत}} | ||
</td> | </td> | ||
</tr> | </tr> | ||
</table> | </table> | ||
− | [[ | + | [[Category:गीता]] |
__INDEX__ | __INDEX__ |
१२:३४, २१ मार्च २०१० के समय का अवतरण
गीता अध्याय-2 श्लोक-5 / Gita Chapter-2 Verse-5
|
||||||||
|
||||||||
|
||||||||
<sidebar>
__NORICHEDITOR__
</sidebar> |
||||||||
|
||||||||