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− | क्योंकि हे <balloon link="index.php?title=कृष्ण" title="गीता कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है। कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। कृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">श्रीकृष्ण</balloon> ! यह मन बड़ा चंचल, प्रमथन स्वभाव वाला, बड़ा दृढ़ और बलवान है । इसलिये उसको वश में करना मैं वायु के रोकने की भाँति अत्यन्त दुष्कर मानता हूँ ।।34।। | + | क्योंकि हे <balloon link="index.php?title=कृष्ण" title="गीता कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है। कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। कृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">श्रीकृष्ण</balloon> ! यह मन बड़ा चंचल, प्रमथन स्वभाव वाला, बड़ा दृढ़ और बलवान है । इसलिये उसको वश में करना मैं [[वायु]] के रोकने की भाँति अत्यन्त दुष्कर मानता हूँ ।।34।। |
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१०:४४, ८ फ़रवरी २०१० का अवतरण
गीता अध्याय-6 श्लोक-34 / Gita Chapter-6 Verse-34
प्रसंग-
मनोनिग्रह के सम्बन्ध में <balloon link="index.php?title=अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर मे जीतने वाला वो ही था।
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">अर्जुन</balloon> की उक्ति को स्वीकार करते हुए भगवान् मन को वश में करने के उपाय बतलाते हैं –
चज्चलं हि मन: कृष्ण प्रमाथि बलवद्दृढम् ।
तस्याहं निग्रहं मन्ये वायोरिव सुदुष्करम् ।।34।।
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क्योंकि हे <balloon link="index.php?title=कृष्ण" title="गीता कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है। कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। कृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">श्रीकृष्ण</balloon> ! यह मन बड़ा चंचल, प्रमथन स्वभाव वाला, बड़ा दृढ़ और बलवान है । इसलिये उसको वश में करना मैं वायु के रोकने की भाँति अत्यन्त दुष्कर मानता हूँ ।।34।।
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For Krishna, the mind is very unsteady, turbulent, tenacious and powerful therefore, I consider it as difficult to control as the wind.(34)
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हि = क्योंकि; कृष्ण =हे कृष्ण (यह ); मन: =मन; चज्जलम् = बड़ा चज्जल (और ); प्रमाथि = प्रमथन स्वभाव वाला है (तथा); दृढम् = बड़ा दृढ़ (और ); बलवत् = बलवान् है; (अत:) = इसलिये; तस्य = उसका; निग्रहम् = वश में करना; अहम् = मैं; वायो: = वायु की; इव = भांति; सुदुष्करम् = अति दुष्कर; मन्ये =मानता हूं;
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