"गोकर्णेश्वर महादेव" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
पंक्ति १: पंक्ति १:
 
{{menu}}
 
{{menu}}
 
{{Incomplete}}
 
{{Incomplete}}
{{Mathura temple}}
 
 
[[category:मन्दिर]]
 
[[category:मन्दिर]]
 
[[category:कोश]]
 
[[category:कोश]]
 
==गोकर्णेश्वर महादेव मन्दिर / Gokarneshwr Mahadev Temple==
 
==गोकर्णेश्वर महादेव मन्दिर / Gokarneshwr Mahadev Temple==
 
[[मथुरा]] में यह मन्दिर एक टीले पर बना है, जिसे गोकर्णेश्वर अथवा कैलाश कहते हैं । यह [[मथुरा]] का अत्यन्त प्राचीन स्थान है । गोकर्णेश्वर [[शिव|महादेव]] को उत्तरी सीमा का रक्षक क्षेत्रपाल माना जाता है । मथुरा उत्तरप्रदेश प्रान्त का एक जिला है । मथुरा एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है । मथुरा के चारों ओर चार शिव मंदिर हैं- पश्चिम में [[भूतेश्वर]] का, पूर्व में [[पिघलेश्वर]] का, दक्षिण में [[रंगेश्वर महादेव]] का और उत्तर में गोकर्णोश्वर का। चारों दिशाओं में स्थित होने के कारण शिवजी को मथुरा का कोतवाल कहते हैं।
 
[[मथुरा]] में यह मन्दिर एक टीले पर बना है, जिसे गोकर्णेश्वर अथवा कैलाश कहते हैं । यह [[मथुरा]] का अत्यन्त प्राचीन स्थान है । गोकर्णेश्वर [[शिव|महादेव]] को उत्तरी सीमा का रक्षक क्षेत्रपाल माना जाता है । मथुरा उत्तरप्रदेश प्रान्त का एक जिला है । मथुरा एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है । मथुरा के चारों ओर चार शिव मंदिर हैं- पश्चिम में [[भूतेश्वर]] का, पूर्व में [[पिघलेश्वर]] का, दक्षिण में [[रंगेश्वर महादेव]] का और उत्तर में गोकर्णोश्वर का। चारों दिशाओं में स्थित होने के कारण शिवजी को मथुरा का कोतवाल कहते हैं।
 +
<br/>
 +
{{mathura temple}}

०६:०२, ६ सितम्बर २००९ का अवतरण


Logo.jpg पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है।

गोकर्णेश्वर महादेव मन्दिर / Gokarneshwr Mahadev Temple

मथुरा में यह मन्दिर एक टीले पर बना है, जिसे गोकर्णेश्वर अथवा कैलाश कहते हैं । यह मथुरा का अत्यन्त प्राचीन स्थान है । गोकर्णेश्वर महादेव को उत्तरी सीमा का रक्षक क्षेत्रपाल माना जाता है । मथुरा उत्तरप्रदेश प्रान्त का एक जिला है । मथुरा एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है । मथुरा के चारों ओर चार शिव मंदिर हैं- पश्चिम में भूतेश्वर का, पूर्व में पिघलेश्वर का, दक्षिण में रंगेश्वर महादेव का और उत्तर में गोकर्णोश्वर का। चारों दिशाओं में स्थित होने के कारण शिवजी को मथुरा का कोतवाल कहते हैं।
साँचा:Mathura temple