"चित्र:Radha-Raman-Temple-1.jpg" के अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
फ़ौज़िया ख़ान (चर्चा | योगदान) |
|||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
− | < | + | {{चित्र सूचना |
+ | |विवरण=[[राधारमण जी मन्दिर]], [[वृन्दावन]]<br />Radha Raman Temple, Vrindavan | ||
+ | |चित्रांकन= | ||
+ | |दिनांक=वर्ष - 2010 | ||
+ | |स्रोत= | ||
+ | |प्रयोग अनुमति=[[ब्रज डिस्कवरी:कॉपीराइट|© brajdiscovery.org]] | ||
+ | |चित्रकार= | ||
+ | |उपलब्ध= | ||
+ | |प्राप्ति स्थान= | ||
+ | |समय-काल= | ||
+ | |संग्रहालय क्रम संख्या= | ||
+ | |आभार= | ||
+ | |आकार= | ||
+ | |अन्य विवरण=वृन्दावन के इस प्रसिद्ध मन्दिर में श्री गोपाल भक्त गोस्वामी जी के उपास्य ठाकुर हैं। यहाँ श्री राधारमण जी, ललित त्रिभंगी मूर्ति के दर्शन हैं। 1599 विक्रम संवत वैशाख शुक्ला पूर्णिमा की बेला में शालिगराम से श्री गोपालभट्ट प्रेम वशीभूत हो [[ब्रज]] निधि श्री राधारमण विग्रह के रूप में अवतरित हुए। | ||
+ | }} | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
०५:०५, ११ जनवरी २०११ के समय का अवतरण
विवरण | राधारमण जी मन्दिर, वृन्दावन Radha Raman Temple, Vrindavan |
दिनांक | वर्ष - 2010 |
प्रयोग अनुमति | © brajdiscovery.org |
अन्य विवरण | वृन्दावन के इस प्रसिद्ध मन्दिर में श्री गोपाल भक्त गोस्वामी जी के उपास्य ठाकुर हैं। यहाँ श्री राधारमण जी, ललित त्रिभंगी मूर्ति के दर्शन हैं। 1599 विक्रम संवत वैशाख शुक्ला पूर्णिमा की बेला में शालिगराम से श्री गोपालभट्ट प्रेम वशीभूत हो ब्रज निधि श्री राधारमण विग्रह के रूप में अवतरित हुए। |
फ़ाइल का इतिहास
फ़ाईल का पुराना अवतरण देखनेके लिये दिनांक/समय पर क्लिक करें।
दिनांक/समय | अंगूठाकार प्रारूप | आकार | प्रयोक्ता | टिप्पणी | |
---|---|---|---|---|---|
वर्तमान | १२:०६, १३ नवम्बर २००९ | १,५९६ × १,७६८ (२.१५ MB) | Gaurav (चर्चा | योगदान) |
आप इस फ़ाइल को अधिलेखित नहीं कर सकते।
फ़ाइल का उपयोग
इस फ़ाइल का प्रयोग नीचे दिए गए 3 पन्नों पर हो रहा है: