चौरासी जैन मन्दिर
चौरासी जैन मंदिर / Jain Chaurasi Temple
यह मंदिर चौरासी रोड, राधा नगर मथुरा में स्थित है। इसका निर्माण ई. 1800 में हुआ था। मन्दिर 20 फुट ऊँचे परकोटे से घिरा है। चूने और लखोरी ईटों से बना यह मन्दिर दो मंजिला और सुन्दर है। मन्दिर में सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चैत्र नाम के तीन रास्ते है।
इतिहास
जम्बूस्वामी तीर्थंकर महावीर के अनुयायी सुधर्म के शिष्य थे। इनका जन्म चम्पा में सेठ ऋषभदत्त के पुत्र के रूप में हुआ था। यह माना जाता है कि इसी स्थान पर इनका परिनिर्वाण चौरासी (84) वर्ष की अवस्था में हुआ था। ये अन्तिम 'केवलज्ञानी' माने जाते है। यहाँ मन्दिर निर्माण से पूर्व ही दिगम्बर जैनियों द्वारा जम्बूस्वामी की पूजा होती रही है। इस मन्दिर का निर्माण मनीराम ने करवाया। मन्दिर के लिए अजितनाथ की मूर्ति रघुनाथ दास ने ग्वालियर के एक उजड़े हुए मन्दिर से लाकर दी। 1870 में नैनसुख ने यहाँ कार्तिक के महिने में पंचवी से द्वादशी तक मेले की परम्परा डाली। वार्षिक रथ यात्रा का आयोजन 26 जनवरी को किया जाता है। 1964 ई. में इसका जीर्णोद्धार एवं पुनर्निमाण कराया।
वीथिका
चौरासी जैन मंदिर, मथुरा
Chaurasi Jain Temple, Mathuraचौरासी जैन मंदिर, मथुरा
Chaurasi Jain Temple, Mathuraचौरासी जैन मंदिर, मथुरा
Chaurasi Jain Temple, Mathuraचौरासी जैन मंदिर, मथुरा
Chaurasi Jain Temple, Mathura
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