"जतीपुरा" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
पंक्ति ३: पंक्ति ३:
 
{{गोवर्धन धार्मिक स्थल}}
 
{{गोवर्धन धार्मिक स्थल}}
 
==जतीपुरा / Jatipura==
 
==जतीपुरा / Jatipura==
[[चित्र:Jatipura Temple Entry Gate Govardhan Mathura.jpg|thumb|200px|जतीपुरा मंदिर, प्रवेश द्वार, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br />
+
[[चित्र:Jatipura Temple Entry Gate Govardhan Mathura.jpg|thumb|250px|जतीपुरा मंदिर, प्रवेश द्वार, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br />
 
Jatipura Temple, Entry Gate, Govardhan, Mathura]]
 
Jatipura Temple, Entry Gate, Govardhan, Mathura]]
 
यह [[वल्लभ संप्रदाय|बल्लभ सम्प्रदाय]] का प्रमुख केन्द्र है । यहीं [[गोवर्धन]] पर श्रीनाथजी का प्राचीन मन्दिर था, जो अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है । यहीं [[अष्टछाप]] के कवि [[सूरदास]] आदि कीर्तन करते थे । [[वल्लभाचार्य|श्रीबल्लभाचार्य]] जी एवं विट्ठलनाथजी की यहां बैठकें हैं । बल्लभ सम्प्रदाय के यहां अनेक मन्दिर हैं । जतीपुरा का नाम गोपालपुरा था, यहीं श्रीगिर्राज का मुखारबिन्द है । श्याम, ढाक, हरजी कुण्ड, ताजबीबी का चबूतरा, गोविन्द स्वामी की कदम्ब खण्डी, बिलछू कुण्ड जहां लीला स्थल है वहीं बल्लभ सम्प्रदाय भक्तों के ऐतिहासिक स्थान भी है । जतीपुरा से आगे गुलाल कुण्ड, गाठौली, टोड का घना है ।
 
यह [[वल्लभ संप्रदाय|बल्लभ सम्प्रदाय]] का प्रमुख केन्द्र है । यहीं [[गोवर्धन]] पर श्रीनाथजी का प्राचीन मन्दिर था, जो अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है । यहीं [[अष्टछाप]] के कवि [[सूरदास]] आदि कीर्तन करते थे । [[वल्लभाचार्य|श्रीबल्लभाचार्य]] जी एवं विट्ठलनाथजी की यहां बैठकें हैं । बल्लभ सम्प्रदाय के यहां अनेक मन्दिर हैं । जतीपुरा का नाम गोपालपुरा था, यहीं श्रीगिर्राज का मुखारबिन्द है । श्याम, ढाक, हरजी कुण्ड, ताजबीबी का चबूतरा, गोविन्द स्वामी की कदम्ब खण्डी, बिलछू कुण्ड जहां लीला स्थल है वहीं बल्लभ सम्प्रदाय भक्तों के ऐतिहासिक स्थान भी है । जतीपुरा से आगे गुलाल कुण्ड, गाठौली, टोड का घना है ।

०८:३१, ७ मार्च २०१० का अवतरण


Logo.jpg पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है।

जतीपुरा / Jatipura

जतीपुरा मंदिर, प्रवेश द्वार, गोवर्धन, मथुरा
Jatipura Temple, Entry Gate, Govardhan, Mathura

यह बल्लभ सम्प्रदाय का प्रमुख केन्द्र है । यहीं गोवर्धन पर श्रीनाथजी का प्राचीन मन्दिर था, जो अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है । यहीं अष्टछाप के कवि सूरदास आदि कीर्तन करते थे । श्रीबल्लभाचार्य जी एवं विट्ठलनाथजी की यहां बैठकें हैं । बल्लभ सम्प्रदाय के यहां अनेक मन्दिर हैं । जतीपुरा का नाम गोपालपुरा था, यहीं श्रीगिर्राज का मुखारबिन्द है । श्याम, ढाक, हरजी कुण्ड, ताजबीबी का चबूतरा, गोविन्द स्वामी की कदम्ब खण्डी, बिलछू कुण्ड जहां लीला स्थल है वहीं बल्लभ सम्प्रदाय भक्तों के ऐतिहासिक स्थान भी है । जतीपुरा से आगे गुलाल कुण्ड, गाठौली, टोड का घना है ।


साँचा:गोवर्धन-दर्शनीय-स्थल