तीर्थंकर
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तीर्थकर
- तीर्थ का अर्थ जिसके द्वारा संसार समुद्र तरा जाए-पार किया जाए और वह है अहिंसा धर्म।
- जिन्होंने प्रवर्तन किया, उपदेश दिया, उन्हें तीर्थकर कहा गया है।
- वे 24 माने गए है।
- जैन धर्म में चौबीस तीर्थकरों के नाम इस प्रकार प्रसिद्ध है-
- ॠषभनाथ,
- अजित,
- सम्भव,
- अभिनन्दन,
- सुमति,
- पद्य,
- सुपार्श्व,
- चन्द्रप्रभ,
- पुष्पदन्त,
- शीतल,
- श्रेयांस,
- वासुपूज्य,
- विमल,
- अनन्त,
- धर्मनाथ,
- शांति,
- कुन्थु,
- अरह,
- मल्लिनाथ,
- मुनिसुब्रत,
- नमि,
- नेमिनाथ,
- पार्श्वनाथ, और
- वर्धमान-महावीर।
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