"तुर्वसु वंश" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो ("तुर्वसु वंश" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
छो (Text replace - '[[श्रेणी:' to '[[category:')
पंक्ति ७: पंक्ति ७:
  
  
[[श्रेणी: कोश]]
+
[[category: कोश]]
 
[[category:पौराणिक इतिहास]]
 
[[category:पौराणिक इतिहास]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

१९:१७, १५ फ़रवरी २०१० का अवतरण

तुर्वसु वंश / Turvasu vansh

  • ययाति के पुत्र तुर्वसु का वह्नि, वह्नि का भर्ग, भर्ग का भानुमान, भानुमान का त्रिभानु, त्रिभानु का उदारबुद्धि करन्धम और करन्धम का पुत्र हुआ मरूत।
  • मरूत सन्तानहीन था। इसलिये उसने पुरू वंशी दुष्यन्त को अपना पुत्र बनाकर रखा था।
  • परन्तु दुष्यन्त राज्य की कामना से अपने ही वंश में लौट गये।