"दीर्घ विष्णु मन्दिर" के अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
पंक्ति १२: | पंक्ति १२: | ||
यह मंदिर खारी कूआ, घीया मण्डी, [[मथुरा]] में स्थित है। | यह मंदिर खारी कूआ, घीया मण्डी, [[मथुरा]] में स्थित है। | ||
====इतिहास==== | ====इतिहास==== | ||
− | [[ | + | [[वराह पुराण]], [[नारद पुराण]], गर्ग संहिता व श्रीमद् भागवत् में इस मन्दिर के [[विष्णु]] घाट के किनारे पर होने की पुष्टी हुई है । कहा जाता है कि मूल मंदिर का अस्तित्व अब नहीं है, परंतु उपस्थित मंदिर [[बनारस]] के राजा पतनीमल द्वारा निर्मित है। इसका निर्माण भगवान [[कृष्ण]] के छर्भुजा स्वरूप को स्मरण करने व [[यमुना]] को तीर्थ राज प्रयाग से बचाने हेतु किया गया था । इस मन्दिर का मूल नाम बाल कृष्ण के विराट रूप को दर्शाता है जो उन्होंने [[कंस]] से युद्ध करने के लिए धरा था । |
{{Mathura temple}} | {{Mathura temple}} | ||
०८:०४, २८ जनवरी २०१० का अवतरण
|
|
|
|
दीर्घ विष्णु मन्दिर / Dirgha Vishnu Temple
यह मंदिर खारी कूआ, घीया मण्डी, मथुरा में स्थित है।
इतिहास
वराह पुराण, नारद पुराण, गर्ग संहिता व श्रीमद् भागवत् में इस मन्दिर के विष्णु घाट के किनारे पर होने की पुष्टी हुई है । कहा जाता है कि मूल मंदिर का अस्तित्व अब नहीं है, परंतु उपस्थित मंदिर बनारस के राजा पतनीमल द्वारा निर्मित है। इसका निर्माण भगवान कृष्ण के छर्भुजा स्वरूप को स्मरण करने व यमुना को तीर्थ राज प्रयाग से बचाने हेतु किया गया था । इस मन्दिर का मूल नाम बाल कृष्ण के विराट रूप को दर्शाता है जो उन्होंने कंस से युद्ध करने के लिए धरा था । साँचा:Mathura temple