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पुरातत्व
1:
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निर्माणकाल- सन् 1807
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वास्तु
1:
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इस मन्दिर की छत गुम्बदनुमा, आधार आयताकार व ऊँचा कुरसी आसार है । पूर्वमुखी द्वार में प्रवेश करने पर खुला हुआ आंगन दिखाई देता है । पश्चिम में जगमोहन (30’ X 30’) के साथ आंगन निर्मित है । इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तमाल किया गया है। जगमोहन के ऊपर निर्मित गुम्बद पर कमल की आकृति सुगठित है । मन्दिर को क्रमबद्ध सोलह पत्तीदार दरवज़ो, अलंकृत आलों, जटिल पत्थर की जालियों और छज्जों द्वारा सुसज्जित किया गया है ।
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2:
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अन्य जानकारी
मानचित्र:
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स्वामित्व:
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प्रबन्धन:
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राजा पटनीमल धर्मार्थ ट्रस्ट
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स्त्रोत:
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इंटैक
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अन्य:
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अद्यतन:
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2009
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अन्य लिंक:
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दीर्घ विष्णु मन्दिर / Dirgha Vishnu Temple
दीर्घ विष्णु मन्दिर,
मथुरा Dirgha Vishnu Temple, Mathura
यह मंदिर खारी कूआ, घीया मण्डी, मथुरा में स्थित है।
इतिहास
वाराह पुराण, नारद पुराण, गर्ग संहिता व श्रीमद् भागवत् में इस मन्दिर के विष्णु घाट के किनारे पर होने की पुष्टी हुई है । कहा जाता है कि मूल मंदिर का अस्तित्व अब नहीं है, परंतु उपस्थित मंदिर बनारस के राजा पतनीमल द्वारा निर्मित है। इसका निर्माण भगवान कृष्ण के छर्भुजा स्वरूप को स्मरण करने व यमुना को तीर्थ राज प्रयाग से बचाने हेतु किया गया था । इस मन्दिर का मूल नाम बाल कृष्ण के विराट रूप को दर्शाता है जो उन्होंने कंस से युद्ध करने के लिए धरा था ।
साँचा:Mathura temple