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१२:५८, ४ मार्च २०१० का अवतरण
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नकुल / Nakula
मृत्युनकुल को अभिमान था कि एकमात्र मैं ही सबसे अधिक रूपवान हूँ। इसलिए वे मार्ग में स्वर्ग जाते समय धराशायी हो गए। |
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