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महाराज [[मनु]] को [[इक्ष्वाकु]], नृग, धृष्ट, शर्याति, नरिष्यन्त, प्रान्शु, नाभाग, दिष्ट, करूष और पृषध्र नामक दस श्रेष्ठ पुत्रों की प्राप्ति हुई । | महाराज [[मनु]] को [[इक्ष्वाकु]], नृग, धृष्ट, शर्याति, नरिष्यन्त, प्रान्शु, नाभाग, दिष्ट, करूष और पृषध्र नामक दस श्रेष्ठ पुत्रों की प्राप्ति हुई । | ||
+ | *प्राचीन परम प्रतापी राजा जो वैवश्वत मनु के पुत्र थे। इन्होंने सात दिन में संपूर्ण पृथ्वी जीतकर ब्राह्मणों को दान में दे दी थी। किंतु, महाभारत के अनुसार, पृथ्वी स्वयं फिर इनके पास आ गई। | ||
+ | *अग्नि पुराण के अनुसार अयोध्या के एक राजा जिनके पुत्र अंबरीश (दे0) थे। रामायण में नाभाग को ययाति का पुत्र और अज का पिता बताया गया है। | ||
+ | *कारूषवंशीय राजा दिष्टि के एक पुत्र। |
१५:३८, १८ जून २००९ का अवतरण
नाभाग ( Nabhag )
महाराज मनु को इक्ष्वाकु, नृग, धृष्ट, शर्याति, नरिष्यन्त, प्रान्शु, नाभाग, दिष्ट, करूष और पृषध्र नामक दस श्रेष्ठ पुत्रों की प्राप्ति हुई ।
- प्राचीन परम प्रतापी राजा जो वैवश्वत मनु के पुत्र थे। इन्होंने सात दिन में संपूर्ण पृथ्वी जीतकर ब्राह्मणों को दान में दे दी थी। किंतु, महाभारत के अनुसार, पृथ्वी स्वयं फिर इनके पास आ गई।
- अग्नि पुराण के अनुसार अयोध्या के एक राजा जिनके पुत्र अंबरीश (दे0) थे। रामायण में नाभाग को ययाति का पुत्र और अज का पिता बताया गया है।
- कारूषवंशीय राजा दिष्टि के एक पुत्र।