पाटलीपुत्र

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पाटलीपुत्र [ पाटलिपुत्र / पटना]

पटना भारत में बिहार प्रान्त की राजधानी है । पटना का प्राचीन नाम पाटलीपुत्र था । आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्रचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है । इस शहर का ऐतिहासिक महत्व है । ईसा पूर्व मेगास्थनीज (350 ईपू-290 ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी अपनी पुस्तक इंडिका में इस नगर का उल्लेख किया है । पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) जो गंगा और अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) के संगम पर बसा था । उस पुस्तक के आकलनों के हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि.मी.) लम्बा तथा 1.75 मील(2.8) कि.मी. चौड़ा था । आधुनिक पटना बिहार राज्य की राजधानी है और गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है । जहां पर गंगा, अपनी घाघरा, सोन और गंडक जैसी सहायक नदियों से मिलती है । यहां पर पावन गंगा नदी का स्वरुप नदी के जैसा न होकर सागर जैसा विराट दिखता है - अनन्त और अथाह !


मगध राज्य की प्रसिद्ध राजधानी जो सोन और गंगा के संगम पर वर्तमान पटना नगर के निकट थी। यहां के दुर्ग का निर्माण अजातशत्रु (494-467 ई0 पूर्व के लगभग) ने कराया था। इसका राजधानी के रूप में विकास चंद्रगुप्त मौर्य के समय हुआ। नगर की रक्षा के लिए चारों ओर एक खाई बनाई गई थी जिसमें सोन नदी का पानी भरा रहता था।


मेगस्थनीज ने इस नगर की बड़ी प्रशंसा की है। अशोक ने नगर के अंदर पत्थर का महल बनवायां पांचवी शताब्दी में फ़ाह्यान उस महल को देखकर चकित रह गया था। गुप्त सम्राटों ने 320 ई0 से 500 ई0 तक यहां से राज्य किया। भारतीय इतिहास के इस स्वर्णिम काल में पाटलिपुत्र संस्कृत का महान् केंद्र था। सातवीं शताब्दी में इसका स्थान कन्नौज ने ले लिया और इसके बाद पाटलिपुत्र का महत्व घटता गया।