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१०:३९, ५ जनवरी २०१० का अवतरण
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बच्छवन / Bachchhvan
यहां ब्रह्माजी ने ग्वालों और गौ–बछड़ों का अपहरण किया था । राजा वीर सिंह बुदेंला द्वारा निर्मित ब्रह्मकुण्ड तथा बिहारी जी का मन्दिर यहां स्थित है । इसके आगे गुजवन, भांडीरवन, मांट, बेलवन अथवा सेही, नरी–सेमरी, चौमुहां, जैत, छटीकरा, गरूड़ गोविन्द आदि स्थान पड़ते हैं, जहां से ब्रज चौरासी परिक्रमा के दौरान वृन्दावन पहुंच जाते हैं।