"ब्रह्मोत्सव" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
(नया पृष्ठ: {{Menu}}<br/ > {{साँचा:पर्व और त्यौहार}} ==ब्रह्मोत्सव / Brhmotsav== होली समाप्त हो...)
 
पंक्ति १: पंक्ति १:
 
{{Menu}}<br/ >
 
{{Menu}}<br/ >
{{साँचा:पर्व और त्यौहार}}
 
 
==ब्रह्मोत्सव / Brhmotsav==
 
==ब्रह्मोत्सव / Brhmotsav==
 
[[होली]] समाप्त होते ही चैत्र शु0 2 से [[वृन्दावन]] में [[रंग नाथ जी का मन्दिर|रंग जी]] के मन्दिर का प्रसिद्ध रथ मेला प्रारम्भ हो जाता है । प्रतिदिन विभिन्न सोने–चांदी के वाहनों पर रंगजी की सवारी निकलती है । चैत्र शुक्ल 9 रथ का मेला तथा दसवीं को भव्य आतिशबाजी होती है । यह बहुत बड़ा मेला होता है ।
 
[[होली]] समाप्त होते ही चैत्र शु0 2 से [[वृन्दावन]] में [[रंग नाथ जी का मन्दिर|रंग जी]] के मन्दिर का प्रसिद्ध रथ मेला प्रारम्भ हो जाता है । प्रतिदिन विभिन्न सोने–चांदी के वाहनों पर रंगजी की सवारी निकलती है । चैत्र शुक्ल 9 रथ का मेला तथा दसवीं को भव्य आतिशबाजी होती है । यह बहुत बड़ा मेला होता है ।
पंक्ति ६: पंक्ति ५:
 
इनके अलावा [[महावन]] का [[रमणरेती]] मेला, कारब का रामलीला मेला, भादों की पूर्णिमा को चौमुहाँ का ब्रह्माजी को मेला, नगला चन्द्रभान (फरह) में पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेला, मथुरा में बाबा जयगुरूदेव का मेला, चैत्र पूर्णिमा का मेला, मंसादेवी का मेला आदि मेलों और उत्सव के अतिरिक्त जनपद में और भी मेले उत्सवों का आयोजन होता है जिससे वर्ष भर ताजगी उल्लास का वातावरण बना रहता है ।
 
इनके अलावा [[महावन]] का [[रमणरेती]] मेला, कारब का रामलीला मेला, भादों की पूर्णिमा को चौमुहाँ का ब्रह्माजी को मेला, नगला चन्द्रभान (फरह) में पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेला, मथुरा में बाबा जयगुरूदेव का मेला, चैत्र पूर्णिमा का मेला, मंसादेवी का मेला आदि मेलों और उत्सव के अतिरिक्त जनपद में और भी मेले उत्सवों का आयोजन होता है जिससे वर्ष भर ताजगी उल्लास का वातावरण बना रहता है ।
  
 
+
<br />
 +
{{साँचा:पर्व और त्यौहार}}
 
[[category:कोश]]
 
[[category:कोश]]
 
[[category:पर्व और त्यौहार]]
 
[[category:पर्व और त्यौहार]]

०७:१०, ९ सितम्बर २००९ का अवतरण


ब्रह्मोत्सव / Brhmotsav

होली समाप्त होते ही चैत्र शु0 2 से वृन्दावन में रंग जी के मन्दिर का प्रसिद्ध रथ मेला प्रारम्भ हो जाता है । प्रतिदिन विभिन्न सोने–चांदी के वाहनों पर रंगजी की सवारी निकलती है । चैत्र शुक्ल 9 रथ का मेला तथा दसवीं को भव्य आतिशबाजी होती है । यह बहुत बड़ा मेला होता है ।


इनके अलावा महावन का रमणरेती मेला, कारब का रामलीला मेला, भादों की पूर्णिमा को चौमुहाँ का ब्रह्माजी को मेला, नगला चन्द्रभान (फरह) में पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेला, मथुरा में बाबा जयगुरूदेव का मेला, चैत्र पूर्णिमा का मेला, मंसादेवी का मेला आदि मेलों और उत्सव के अतिरिक्त जनपद में और भी मेले उत्सवों का आयोजन होता है जिससे वर्ष भर ताजगी उल्लास का वातावरण बना रहता है ।


साँचा:पर्व और त्यौहार