मल्ल विद्या
मल्ल विद्या / Wrestling
हलधर नाम से किसानों में पूज्य और मल विद्या के प्रणेता बलराम जी की जीवन शैली का प्रभाव ब्रजवासियों पर भरपूर हैं। हर क्षेत्र में अखाड़े–बगीचियों पर प्रात: सायं बेला में मल्ल विद्या गुर सीख यहाँ के पहलवान दूर –दूर नाम रोशन कर रहे हैं। सेना में मथुरा के अनगिनत शूरवीर योद्धा मल्ल विद्या के पारंगत आचार्य सूदन ने सूजान चरित्र में इन सबका उल्लेख गर्व के साथ किया है। अलीदत्त, कुलीदत्त, देविया, खैलाराम, जगन्नाथ गुरु, भगवंत दंगली आदि पुराने मल्लों के विषयों में चमत्कारी घटनायें प्रसिद्ध हैं। ये नरभक्षी सिंहों, हाथियों, साँड़ों, भैसों, रीछों एवं मगरों आदि से मल्ल युद्ध कर विजयी हुए और पुरस्कार स्वरूप गांव में ज़मीनें प्राप्त की। इनके विपुल आहार के विषय में मनोरंजक वर्णन है। 19 वीं सदी में मथुरा के मल्ल बड़ौदा नरेश खाड़ेराव के यहाँ सम्मानित थे और यहाँ के लगभग पचास मल्ल इनके यहाँ रहते थे। बल्देव गुरु को महामना मदनमोहन मालवीय जी ने सम्मानित किया और प्रथम राष्ट्रपति डाँ0 राजेन्द्र प्रसाद से भी सम्मान पाया।