"महामृत्युंजय मन्त्र" के अवतरणों में अंतर
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*इससे लम्बी आयु प्राप्त होती है तथा मृत्यु से रंक्षा हो जाती है। | *इससे लम्बी आयु प्राप्त होती है तथा मृत्यु से रंक्षा हो जाती है। | ||
*[[ऋग्वेद]] में यह मन्त्र इस प्रकार उपलब्ध है – | *[[ऋग्वेद]] में यह मन्त्र इस प्रकार उपलब्ध है – | ||
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'''त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्''' | '''त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्''' | ||
'''उर्वारुकमिव बन्धान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात॥''' | '''उर्वारुकमिव बन्धान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात॥''' | ||
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१३:०७, २७ मार्च २०१० का अवतरण
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महामृत्युजय मन्त्र / Mahamratyunjaya Mantra
- महर्षि वसिष्ठ ने एक अत्यन्त महत्वपूर्ण मन्त्र की रचना की थी जो महामृत्युजय मन्त्र कहलाता है।
- इससे लम्बी आयु प्राप्त होती है तथा मृत्यु से रंक्षा हो जाती है।
- ऋग्वेद में यह मन्त्र इस प्रकार उपलब्ध है –
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात॥