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*इसी अवसर पर राम ने उसे अपने बाण से मारा था। | *इसी अवसर पर राम ने उसे अपने बाण से मारा था। | ||
*राम-रावण युद्ध का सामान्यत: यह भी एक कारण समझा जाता है। | *राम-रावण युद्ध का सामान्यत: यह भी एक कारण समझा जाता है। | ||
− | * | + | *'तेहि बन निकट दसानन गयऊ। तब मारीच कपट मृग भयऊ' ('रामचरितमानस') |
११:४६, २५ अक्टूबर २००९ का अवतरण
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मारीच / Marich
- यह लंका के राजा रावण का मामा, सुण्ड एवं ताड़का का पुत्र था।
- सुबाहु का भाई था।
- सुबाहु-वध के अवसर पर राम ने उसे अपने बाण से लंका पहुँचा दिया था। सीता-हरण के अवसर पर रावण ने मारीच की मायावी बुद्धि की सहायता ली।
- मारीच कंचन का मृग बनकर सीता-हरण का कारण बना।
- इसी अवसर पर राम ने उसे अपने बाण से मारा था।
- राम-रावण युद्ध का सामान्यत: यह भी एक कारण समझा जाता है।
- 'तेहि बन निकट दसानन गयऊ। तब मारीच कपट मृग भयऊ' ('रामचरितमानस')
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